उज्जैन। करीब 5 साल पहले नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम शुरु कराया था। पहले चरण में 908 मकान बनाने थे। दूसरे चरण में 1098 फ्लेट बनाना तय हुआ था। पहले चरण के लिए तो जमीन की व्यवस्था हो गई थी। दूसरे चरण के लिए अभी तक जमीन फायनल नहीं हो पाई है। इधर नई ठेका कंपनी ने भी पिछले एक साल में कानीपुरा क्षेत्र में पीएम आवास योजना के अधूरे मकानों का काम पूरा नहीं किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 5 साल पहले उज्जैन शहर को शामिल किया गया था। केन्द्र सरकार ने इसके लिए उज्जैन नगर निगम को बतौर निर्माण एजेंसी अधिकृत करते हुए प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 146 करोड़ की राशि भी मंजूर की थी। योजना में दो चरणों में कुल 2006 सस्ते मकान बनाए जाने थे। इसका ठेका गुजरात की निर्माण एजेंसी एवी ओमनि कंपनी को दिया गया था। निर्माण एजेंसी शुरुआत से ही कछुआ चाल से काम कर रही थी। यही कारण रहा कि पहले चरण में आगर रोड स्थित कानीपुरा में 428 भवन निर्माण के कार्यों में से कंपनी अभी तक कुल 154 मकान ही बना पाई थी। इसी के साथ 480 मकान मंछामन क्षेत्र में कंपनी ने बनाना शुरु किया था। यहाँ एक भी निर्माण पूरा नहीं हुआ और पिछले साल कंपनी का ठेका निरस्त करना पड़ा था। योजना के मुताबिक नगर निगम को प्रोजेक्ट के 2006 मकान साल 2022 तक पूरे करना है। इसके साथ ही पहले चरण में 908 मकान कानीपुरा और मंछामन क्षेत्र में बनना थे, जबकि बाकी के 1098 आवास बनाने के लिए नगर निगम अधिकारियों को 4 साल का समय मिला था। शुरुआत में अधिकारियों ने दूसरे चरण के मकान निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण के लिए तलाश शुरु की थी और तब एमआर-5 स्थित पट्टाभिराम, राधाकृष्ण मंदिर तथा आसपास के इलाके की जमीन को चिन्हित किया गया था। इधर पहले चरण का काम धीमी गति में उलझा रहा तो दूसरी ओर निगम के अधिकारी दूसरे चरण के लिए आवश्यक जमीन तलाश ही नहीं पाए। जबकि तीन साल पहले दूसरे चरण के 1098 मकानों के लिए एमआर-5 बायपास रोड के आसपास की शासकीय जमीन को नगर निगम के अधिकारियों ने देखा था। इसके बाद इसे अधिग्रहित करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। अधिकारियों का ध्यान अभी पहले चरण के काम को पूरा करने पर है।
डेढ़ साल में कंपनी मिली, एक साल ऐसे ही गुजार दिया
पूर्व ठेका कंपनी का ठेका निरस्त होने के बाद से ही नगर निगम नई ठेका कंपनी अधिकृत करने की तैयारी में लग गया था और इसके लिए 4 बार टेंडर जारी किए गए थे। 5वां टेंडर पिछले साल जुलाई महीने में निकाला गया था। तब जाकर इसमें निविदा डालने वाली गुजरात की ही नई कंपनी ज्योति कंस्ट्रक्शन को ठेका पिछले साल फायनल किया गया। दावा किया गया था कि कानीपुरा में बन रही पीएम आवास की अधूरी मल्टियों का काम तेज किया जाएगा लेकिन नई ठेका कंपनी को भी आज एक साल का समय गुजर गया। बावजूद इसके मल्टी का ढाँचा आज भी वैसा ही खड़ा नजर आ रहा है जैसा डेढ़ साल पहले अधूरा छोड़कर पुरानी ठेका कंपनी गई थी। यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है और इसमें अब केवल 4 महीने का समय शेष रह गया है।
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