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जगदीप धनखड़ बने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति, निर्वाचन आयोग ने जारी किया प्रमाण

August 07, 2022


नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को चुने जाने की घोषणा करते हुए रविवार को एक प्रमाण जारी कर दिया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने जगदीप धनखड़ के लिए जारी निर्वाचन प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए.

निर्वाचन आयोग ने बताया कि वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा और निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ प्रधान सचिव नरेंद्र एन बुटोलिया ने प्रमाण पत्र की एक हस्ताक्षरित प्रति केंद्रीय गृह सचिव को सौंपी. यह प्रति 11 अगस्त को नए उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के समय पढ़ी जाएगी. निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होगा.

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया है. उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को पराजित किया. एकतरफा मुकाबले में धनखड़ को कुल 528 मत मिले, जबकि अल्वा को सिर्फ 182 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. इस चुनाव में कुल 725 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 710 वोट वैध पाए गए, 15 मतपत्रों को अवैध पाया गया.

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें बधाई दी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 55 सांसदों ने वोटिंग के अधिकार का प्रयोग नहीं किया. इनमें से टीएमसी के 34 सांसद शामिल थे. हालांकि टीएमसी के दो सांसदों ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के आदेश के बावजूद वोटिंग में हिस्सा लिया. ये नाम शिशिर और दिव्येंदु अधिकारी के हैं.


इसके अलावा एसपी और शिवसेना के 2 और बीएसपी के 1 सांसद ने भी वोटिंग नहीं की. भाजपा के 2 सांसदों सनी देओल और संजय धोत्रे ने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वोटिंग से किनारा किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण पीपीई किट पहनकर संसद भवन पहुंचे और अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

कौन हैं जगदीप धनखड़?
राजस्थान के झुंझुणूं जिले के किठाना गांव में कृषि परिवार में जन्मे जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. वह अपने छात्र जीवन में बहुत मेधावी छात्र रहे. उनका चयन आईआईटी, एनडीए और आईएएस के लिए हुआ था. लेकिन जगदीप धनखड़ ने वकालत को अपना प्रोफेशन चुना. उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट में वकालत की. उनकी गिनती देश के बड़े लीगल माइंड्स में होती है.

जगदीप धनखड़ ने साल 1989 में पहली बार राजनीति में कदम रखा. उन्होंने जनता दल पार्टी के टिकट पर अपने गृह जिले झुंझणूं से लोकसभा का चुनाव लड़ा और रिकाॅर्ड मतों से जीतकर सांसद बने. इस दौरान उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी. बाद में उन्होंने कांग्रेस जाॅइन कर लिया और वर्ष 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा पहुंचे. उन्होंने 2003 में कांग्रेस छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए. साल 2019 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया.

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