नई दिल्ली। भारत अपने अलग-अलग त्योहरों और रीति रिवाजों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। इन्हीं त्योहारों में शामिल है रक्षाबंधन जो सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के हाथ की कलाई पर राखी बांधती हैं और अपनी रक्षा का वचन मांगती हैं। इसके अलावा बहनें भगवान से भाइयों की सुख-समृद्धि की दुआ करती हैं।
रक्षाबंधन के साथ ही भाई दूज पर भी बहनें भाईयों के लंबी उम्र की कामना करती हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य है जहां बहनें भाइयों को मरने का श्राप देती हैं। यह सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है। भाईयों को श्राप देने के बाद बहनें इसके लिए प्रायश्चित भी करती है। यह एक परंपरा है जो सालों से चली आ रही है। आइए जानते हैं कि आखिर यह परंपरा क्या है और किस राज्य में मनाई जाती है।
जानिए कहां मनाई जाती है परंपरा
यह अजीबोगरीब परंपरा छत्तीसगढ़ में मनाई जाती है। राज्य के जशपुर जिले में एक विशेष समुदाय के लोग इसका पालन करते हैं। इस समुदाय की लड़कियां अपने भाइयों को मरने का श्राप देती हैं और ऐसा भाई दूज के दिन किया जाता है। भाई दूज के दिन बहनें सुबह उठने के बाद भाइयों को श्राप देती हैं। इसका प्रायश्चित करने के लिए बहनें अपनी जीभ पर कांटा चुभाती हैं। इसके बाद जशपुर जिले में विशेष समुदाय की लड़कियां भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। सालों से इस परंपरा का पालन किया जा रहा है।
क्या है परंपरा के पीछे की कहानी
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, यमराज एक बार धरती पर एक ऐसे व्यक्ति को मारने के लिए आए जिसकी बहन ने कभी उसे कोई श्राप न दिया हो। यमराज के बहुत खोजने ऐसा शख्स मिल गया जिसकी बहन ने कभी भी उसे श्राप नहीं दिया था और वह अपने भाई से बहुत प्यार करती थी। यमराज के योजना की भनक उसकी बहन को लग जाती है कि वह उसके भाई का प्राण लेना चाहते हैं।
यह जानने के बाद बहन अपने भाई को गाली देती है और श्राप देती है जिसकी वजह से यमराज उसके प्राण नहीं ले पाते हैं। इससे इस व्यक्ति का जीवन बच जाता है। तब से ही यह परंपरा चली आ रही है।
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