नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के असर से जैसे ही दुनिया को राहत मिलने लगी और लोग अपने पुरानी लाइफस्टाइल (Lifestyle) में वापस लौटने लगे, वैसे ही एक बार फिर से कोविड मामले (Corona Cases) बढ़ने लगे. अब फिर से वही हाल हो रहा है कि एक दिन में कोरोना संक्रमण (Covid-19 infection) के कभी 15 हजार से अधिक तो कभी 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना की वैक्सीन (Corona vaccine) लगने के बाद और इस वायरस के कम प्रभावी होने के बाद भी अगर दुनिया राहत की सांस ले पाती तो मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खतरे की घंटी बताते हुए विश्व के सभी देशों को अलर्ट रहने का सुझाव दिया.
WHO ने 24 जुलाई को मंकीपॉक्स(Monkeypox ) को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. मंकीपॉक्स भी कोरोना की तरह एक वायरल डिजीज है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से संक्रमण फैलाती है. यूनाइटेड स्टेट की स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अभी तक दुनिया के 87 देशों में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज मिल चुके हैं और इन मरीजों की संख्या 26 हजार 208 है. ये वो मामले हैं, जिनमें यह बीमारी कंफर्म हो चुकी है. जबकि कई रोगियों को सस्पेक्ट मानते हुए अभी उनकी जांच की जा रही है. भारत की बात करें तो देश में अब तक मंकीपॉक्स के 9 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं.
कोरोना वायरस श्वास के जरिए फैलता है और संक्रमित व्यक्ति की श्वांस से निकली हुए ड्रॉपलेट्स जो वायरस से संक्रमित होती हैं, किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में जाकर उसे भी संक्रमित कर सकती हैं. आमतौर पर यह वायरस किसी भी व्यक्ति के शरीर में श्वांस के माध्यम से ही प्रवेश करता है. संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए तौलिया या अन्य सामान का उपयोग करने पर यदि वायरस नाक और मुंह पर लग जाता है, तब भी यह संक्रमण फैला सकता है. संक्रमण फैला सकता है.
जबकि मंकीपॉक्स का वायरस इंसानों में आमतौर पर जानवरों के संपर्क में आने पर फैलता है. जब कोई व्यक्ति संक्रमित जानवर का स्पर्श करता है या ऐसे जानवर का मीट खाता है, तब वह इस संक्रमण का शिकार हो सकता है. हालांकि इसके बाद यह संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है.
कोरोना का वायरस शरीर के अंदर प्रवेश करके अपनी लाखों कॉपीज बनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर अटैक करता है. जबकि मंकीपॉक्स का वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकले पस, लार या अन्य द्रव्य के संपर्क में आने पर होता है.
कोरोना का संक्रमण फैलाने वाले वायरस में सिंगल स्ट्रेंड जेनेटिक मटेरियल कोड होता है,जिसे आरएनए (RNA) कहा जाता है. जबकि मंकीपॉक्स फैलाने वाले वायरस में डबल-स्ट्रैंडेड जेनेटिक कोड होता है, जिसका संबंध डीएनए (DNA)से होता है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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