नई दिल्ली। यूक्रेन (Ukraine) अभी भारतीय छात्रों (Indian students) को देश में वापस अपने देश आने की अनुमति नहीं देना चाहता है। भारत सरकार (Indian government) यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों द्वारा पढ़ाई जारी रखने के मुद्दे पर वहां के शैक्षिक अधिकारियों (educational officers) के संपर्क में है। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने राज्यसभा को ये जानकारी दी। उन्होंने राज्यसभा को बताया, “वर्तमान में, उस देश की जमीनी स्थिति भारतीय छात्रों की वापसी की अनुमति नहीं देती है। यूक्रेनी पक्ष ने भारतीय छात्रों को अपने पाठ्यक्रम ऑनलाइन जारी रखने की अनुमति देने की इच्छा दोहराई है।”
विदेश राज्य मंत्री (MoS) ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में ये बयान दिए। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों से संबंधित प्रश्नों पर गुरुवार को उच्च सदन में चर्चा की गई। इस दौरान लेखी ने कहा, “यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों द्वारा पढ़ाई जारी रखने के संबंध में सरकार यूक्रेन में शैक्षिक अधिकारियों के संपर्क में है। वर्तमान में, उस देश की जमीनी स्थिति भारतीय छात्रों की वापसी की अनुमति नहीं देती है। यूक्रेनी पक्ष ने भारतीय छात्रों को अपने पाठ्यक्रम ऑनलाइन जारी रखने की अनुमति देने के लिए अपनी इच्छा दोहराई है।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि ऐसे छात्रों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने एक योजना तैयार की है। दरअसल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने शुक्रवार को कहा था कि चीन और यूक्रेन से लौटने वाले अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। इन छात्रों को यह सुविधा तभी मिलेगी, जब वे 30 जून, 2022 तक अपने संस्थानों से डिग्री प्राप्त कर चुके होंगे। एफएमजी परीक्षा पास करने के बाद इन छात्रों को मौजूदा एक साल के बदले दो साल के लिए मेडिकल इंटर्नशिप करना होगा। विदेशी चिकित्सा स्नातकों को रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति तभी दी जाएगी, जब वे दो साल का इंटर्नशिप पूरा कर लेंगे।
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