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    अफगान दूत का बड़ा दावा- अमेरिकी ड्रोन हमले में हक्कानी के परिवार के सदस्य भी मारे गए

  • August 04, 2022

    नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी मारा गया था। अब दावा किया जा रहा है कि इस हमले में अल कायदा के करीबी हक्कानी के परिवार के सदस्य भी मारे गए थे। यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि खुद ताजिकिस्तान में अफगान राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर ने किया है। उन्होंने कहा कि 2 अगस्त को अफगानिस्तान में किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में हक्कानी के परिवार के सदस्य भी मारे गए थे। हक्कानी नेटवर्क जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा स्थापित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है। जलालुद्दीन के बारे में कहा जाता है कि वह सोवियत विरोधी युद्ध के दौरान विद्रोही कमांडर के रूप में उभरा था।

    राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, “काबुल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, हक्कानी समूह के कुछ परिवार के सदस्य भी अमेरिकी हमले में मारे गए थे। वह घर हक्कानी का था। हमले के बाद बाकी के लोग काबुल से चले गए हैं।” अफगानी दूत का यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संबोधन में कहा था कि ड्रोन हमले में परिवार के किसी सदस्य को चोट नहीं पहुंची। अमेरिकी के राष्ट्रपति ने कहा था कि सेना के ऑपरेशन में अल-जवाहिरी के परिवार के किसी भी सदस्य को चोट नहीं आई और न ही कोई नागरिक हताहत हुआ। उन्होंने कहा, “इस मिशन की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी और अन्य नागरिकों को नुकसान के जोखिम को सख्ती से कम किया गया था।” हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में हक्कानी का जिक्र नहीं किया था।


    रिपोर्टों में कहा गया है कि काबुल में जहां अल-कायदा नेता छिपा हुआ था वह बहुमंजिला बंगला अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के करीबी सहयोगी के पास था। अफगान दूत के अनुसार, सिराजुद्दीन हक्कानी और अन्य शीर्ष नेता काबुल में सुरक्षित घरों को छोड़कर कहीं और चले गए हैं। उन्होंने कहा कि कई आतंकवादी समूह अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं। अफगान दूत ने कहा, “अयमान अल-जवाहिरी की हत्या अफगानिस्तान के लोगों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए जो महत्वपूर्ण है वह यह कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पता चले कि तालिबान के संरक्षण में अफगानिस्तान में आतंकवाद बढ़ रहा है।”

    कहा जा रहा है कि अल-कायदा नेताओं के ठिकाने का खुलासा करने में पाकिस्तान की संलिप्तता है। इसके बारे में बोलते हुए, अफगान दूत ने कहा कि चूंकि अमेरिका के पाकिस्तान के साथ बहुत ‘अच्छे’ संबंध हैं, इसलिए वह अफगानिस्तान के भीतर बहुत सी चीजों तक आसानी से पहुंच सकता है। राजदूत ने कहा, “पाकिस्तान अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। उन समूहों की सराहना करनी चाहिए जिन्होंने अमेरिका को जवाहिरी के ठिकाने की जानकारी दी। इसने तालिबान का पर्दाफाश किया है।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी मारा गया है। जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान में एक अभियान में मार गिराया था। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अल-जवाहिरी जिस घर में मारा गया वह तालिबान के शीर्ष सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का है।

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