नई दिल्ली: अभी बरसात का मौसम चल रहा है. ऐसे में कई जगहों पर मच्छरों का भी काफी आतंक रहता है. इससे कई लोगों की नींद तक पूरी नहीं हो पाती है. मच्छर को भगाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं. लेकिन, ज्यादातर तरीके काम नहीं करते हैं.
टेक्नोलॉजी काफी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में मच्छर भगाने वाले ऐप्स भी बना दिए गए हैं. ऐसे ऐप्स आपको आसानी से गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर पर मिल जाएंगे. इन ऐप्स के डेवलपर दावा करते हैं कि ऐप के ऑन होने पर मच्छर आपके आसपास नहीं रहेंगे.
सभी ऐप्स के काम करने का तरीका लगभग एक जैसा ही है. ऐप्स को लेकर बताया गया है उसके अनुसार, ये लो फ्रीक्वेंसी वाले साउंड्स प्रोड्यूस करते हैं. इससे मच्छर भाग जाते हैं. आप ऐप में लो फ्रीक्वेंसी अल्ट्रासोनिक साउंड को सेलेक्ट कर सकते हैं.
अल्ट्रासोनिक साउंड फ्रीक्वेंसी पर काम करने का दावा
इन साउंड की फ्रीक्वेंसी काफी ज्यादा कम होती है. इस वजह से किसी व्यक्ति को इसकी आवाज सुनाई नहीं देती है. ये सभी तो हो गए दावे. अब बात करते हैं ये ऐप्स कितने काम के हैं. क्या ये सच में काम करते हैं?
अगर आप इसका बहुत सीधा आंसर चाहते हैं तो इसका जवाब ना में है. इस ऐप को हमनें ट्राय किया लेकिन, ये हमारे के लिए काम नहीं किया. इसके अलावा इसे हमारे सहयोगी ने भी ट्राय किया लेकिन, उन्होंने भी इसको लेकर कोई पॉजिटिव फीडबैक नहीं दिया. यहां तक की उन्होंने इसकी आवाज लेकर शिकायत भी की.
ये ऐप्स काफी ज्यादा एड्स के साथ आते हैं. इस वजह से आपको थोड़ी-थोड़ी देर में एड्स देखने को मिलेंगे. इससे आप काफी ज्यादा परेशान हो सकते हैं. यानी इन ऐप्स का मुख्य मकसद एड्स दिखाने का ही होता है जिससे डेवलपर को कमाई होती है. ऐसे ऐप्स ऑथेंटिक नहीं है. इस का फायदा उठाकर स्कैमर्स मैलवेयर भी आपके फोन में इंस्टॉल करवा सकते हैं.
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