उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में प्रति सोमवार को आकर्षक प्रस्तुतियाँ हो रही है और बाहर के कलाकार भी नृत्य एवं शास्त्रीय गायन की प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। मंदिर समिति द्वारा हर श्रावण सोमवार को यह आयोजन कराया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अखिलेश कुमार पांडेय ने की। साथ ही कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक मौजूद थे। अतिथियों द्वारा भगवान महाकाल एवं भगवान नटराज की प्रतिमा की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित किया गया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति खाचरौद के परमानंद गंधर्व ने हारमोनियम वादन की हुई। श्री गंधर्व ने विलंबित एकताल, मध्य लय, बंदिश, बोल लागी लगन तथा राग मिश्र पीलू में ठुमरी प्रस्तुत की। तबले पर संगत राहुल पँवार द्वारा की गई।
दूसरी प्रस्तुति में दिल्ली की अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना सुश्री यास्मीन सिंह एवं समूह द्वारा कत्थक शैली में शिव ओम नृत्य नाटिका शिव के अद्र्धनारिश्वर रूप पर आधारित रही। नृत्य नाटिका से बताया गया की शक्ति अपने सती रूप में जहां आत्म बलिदान को तत्पर रहती है, वहीं वह मां काली के रूप में असुरों का संहार कर जगत का कल्याण भी करती है। नृत्य नाटिका में यास्मीन सिंह के साथ मंच पर नंदिनी शर्मा, मयूरी विभूति, कंचन कडपाल, शिखा तेडी, माया डेहरिया, अंकिता बिंद्रा, तनुश्री, करण किंगरानी ने कला प्रदर्शन किया। तीसरी प्रस्तुति निनाद नृत्य अकादमी द्वारा श्रीमती पलक पटवर्धन के निर्देशन में भगवान श्री कृष्ण पर आधारित अखिलम मधुरम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। प्रस्तुति में श्रीमती अर्चना तिवारी का गायन एवं पंं. माधव तिवारी के निर्देशन में वादन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव पूर्वरंग की द्वितीय सांस्कृतिक संध्या का संचालन उद्घोषक दुर्गाशंकर सूर्यवंशी द्वारा किया गया। आभार सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर के तिवारी ने माना।
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