बर्मिंघम: गुरुराज पुजारी (Gururaja Poojary) ने लगातार दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता. उन्होंने शनिवार को पुरुषों के 61 किग्रा वेट कैटेगरी में 269 किग्रा वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. उन्होंने स्नैच में 118 और क्लीन एंड जर्क में 151 किग्रा वजन उठाया. इस वेटलिफ्टर ने 2018 गोल्ड कोस्ट में भी सिल्वर हासिल किया था. इससे पहले आज ही संकेत महादेव सरगर (Sanket Mahadev Sargar) ने 55 किग्रा वेट कैटेगरी में 248 किग्रा वेट उठाकर सिल्वर मेडल जीता. इस तरह से भारत ने अपने बर्मिंघम गेम्स की शानदार शुरुआत की है. गुरुराज पुजारी की लंबाई सिर्फ 156 सेंटीमीटर की है. लेकिन इस खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से सबको चकित कर दिया है.
इंडियन एयरफोर्स में काम करने वाले गुरुराज पुजारी ने पहलवान सुशील कुमार को देखकर कुश्ती में आने का फैसला किया था. 2008 ओलंपिक में सुशील ने मेडल जीता था. उन्होंने अखाड़ा भी जाना शुरू कर दिया था. लेकिन स्कूल टीचर ने उन्हें वेटलिफ्टिंग में जाने की सलाह दी. इसके बाद 5 भाईयों में सबसे छोटे गुरुराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखाा. उनके पिता ट्रक ड्राइवर हैं. ऐसे में उन्हें डाइट को लेकर शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा.
पिछले साल दिसंबर में गुरुराज ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 61 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. लेकिन 2018 के मेडल ने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया. वेटलिफ्टिंग में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन ओवरऑल कॉमनवेल्थ गेम्स में अच्छा रहा है. इस गेम्स से पहले तक इस खेल में भारत को 43 गोल्ड, 48 सिल्वर और 34 ब्रॉन्ज सहित 125 मेडल मिले थे. यह गेम्स में बतौर खेल दूसरा बेस्ट प्रदर्शन है. शूटिंग में सबसे अधिक 63 गोल्ड सहित 135 मेडल मिले हैं. आज रात महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू भी उतरेंगी. उनसे सभी को गोल्ड मेडल की उम्मीद है. उन्होंने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा 2020 टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. वे कॉमनवेल्थ गेम्स में 2014 में भी सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं.
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