भोपाल। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के लिए अत्यंत अमर्यादित, आपत्तिजनक और संवैधानिक शब्दों का प्रयोग कर न सिर्फ महिलाओं की गरिमा और आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाई है, बल्कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद का भी अपमान किया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन द्वारा की गई टिप्पणी कांग्रेस के मूल चरित्र और संपूर्ण जनजातीय समाज के प्रति कांग्रेस की सोच को उजागर करती है। इस कृत्य के लिए लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए और सदन की सदस्यता भी बर्खास्त करना चाहिए। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कही।
शर्मा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में से कांग्रेस ने 55 वर्षो तक देश में राज किया लेकिन कभी भी कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को देश के सर्वोच्च पदों पर नहीं पहुंचने दिया। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविन्द को देश का राष्ट्रपति बनाकर एनडीए ने अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति वर्ग को सर्वोच्च पद पर पहुंचाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और एनडीए ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अनुसूचित जनजाति समाज की बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर भारत में इतिहास बनाया। लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस इसको पचा नहीं पा रही है। श्रीमती सोनिया गांधी से देश का जनमानस पूछता है कि कांग्रेस के पेट में इतना दर्द क्यों है ? कांग्रेस नेता ने जिस प्रकार राष्ट्रपति के विरूद्ध अनर्गल टिप्पणी की है उससे पूरा देश आंदोलित है।
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