इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एमओजी लाइन में व्यावसायिक व आवासीय इकाइयां बनना हैं। इसी के चलते वहां कई वर्षों पुराने मकानों को ढहाने का काम चल रहा है। निगम ने करीब 70 से ज्यादा मकानों को खाली कराकर उन्हें तोडऩे के लिए ठेका दे दिया है, लेकिन वहीं कई लोग मकानों से हटने को तैयार नहीं है और मकान के अगले हिस्से में ताला लगाकर रह रहे हैं और उनका आवागमन अन्य हिस्सों से हो रहा है।
पिछले दो माह से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट द्वारा वहां काम शुरू किया गया है। पहले दौर में कई विभागों के कर्मचारियों को आवंटित किए गए सरकारी मकान खाली कराए गए थे। हालांकि इसके लिए तमाम माथापच्ची अफसरों को करना पड़ी, क्योकि वर्षों से सरकारी मकान में रह रहे कई कर्मचारियों ने कोर्ट में मामला दायर कर दिया था, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर उन्हें अन्य स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था बतौर आवास उपलब्ध कराए गए।
अभी भी बड़ी संख्या में कई मकानों में परिवार रह रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को शासन स्तर पर एमओजी लाइन की काफी जमीन सौंपी गई है और वहां प्रोजेक्ट के तहत व्यावसायिक व आवासीय इकाइयां बनाई जाना है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक वहां 70 से ज्यादा मकानों को खाली कराकर तोडऩे का ठेका दिया गया है और अभी इससे भी ज्यादा मकान खाली कराए जाना हैं।
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