जबलपुर। डिजिटल एक्स-रे मशीन की सुविधा के लिए तरस रहे रांझी सिविल अस्पताल को नई डिजिट मशीन मिल गई है। जिससे गांव देहात से आने वाले मरीजों को अब बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि अब सिविल अस्पताल में आधुनिक तकनीक की डिजिटल एक्स-रे मशीन आने के बाद सेवा शुरू हो गयी है। इससे अब निजी अस्पतालों या पैथालॉजी में जाने वाले मरीजों को सिविल अस्पताल में इस सेवा का लाभ नि:शुल्क मिल सकेगा। एक्स-रे मशीन के शुरु होने से गरीबों को काफ ी राहत मिलेगी। अभी तक डिजिटल एक्स-रे के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पताल व पैथोलॉजी में 400 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक का भार उठाना पड़ता था। फि लहाल रांझी सिविल अस्पताल को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उल्लेखनीय है की रांझी सिविल अस्पताल में लम्बे समय से साधारण एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध थी। डिजिटल एक्सरे के लिए मरीजों को निजी अस्पताल या पैथालॉजी का सहारा लेना पड़ता था। दरअसल मरीजों की बारीक मर्ज को पकडऩे के लिए डिजिटल एक्स-रेे की आवश्यकता होती थी, इसके लिए अस्पताल में यह सुविधा नहीं थी। जिससे मरीजों को कई तरह की पेरशानियों का सामना करना पड़ता था। जिससे मरीजो को राहत मिलेगी।
विधायक निधी से मिली मशीन
जानकारी के अनुसार रांझी सिविल अस्पताल को लम्बे समय से डिजिटल एक्स-रे मशीन की आवश्यता थी। जिसके लिए डॉक्टरों ने अनेकों बार जिम्मेदारों को लिखित एवं मौखिक रूप से मांग की थी। लेकिन देर से ही सही डॉक्टरों की मांग पर क्षेत्रीय विधायक अशोक रोहाणी द्वारा विधायक निधी से 12 लाख रूपए कीमत की हॉस्पिटल को डिजिलट एक्स-रे मशीन प्रदान की गई।
20 से ज्यादा किए जा रहे एक्स-रे
डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया की डिजिटल एक्स-रे मशीन में प्रति दिन 20 से 30 एक्स-रे किए जा रहे है। जिसमें चेस्ट, हाँथ, पैर, कमर, पेट आदि आदि लगभग सैकड़ो प्रकार के एक्स-रे हो रहे है। इससे पहले एक्स-रे कराने के लिए मरीजों को प्राईवेट की ओर रूख करना पड़ता था।
चिकित्सक किए जाएंगे नियुक्त
रांझी सिविल अस्पताल को नई डिजिटल एक्स-रे मशीन मिलने के बाद अब उसको चलाने के लिए तीन से चार डॉक्टरों की नियुक्ति कि जानी है। फिल हाल मशीन को एक ही डॉक्टर चला रहे है। जो सुबह 10 बजे से 5 बजे तक बैठते है। इसके बाद कभी इमरजेन्सी होने पर एक्स-रे नहीं हो पाते है। जिस कारण अब बहुत जल्द दो से तीन डॉक्टर रखे जायेंगे।
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