इन्दौर। शहर में दिव्यांग खेल को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई मुहिम रंग ला रही है। शहर के 163 दिव्यांगों ने विभिन्न विधाओं में ट्रेनिंग की मांग की है, वहीं उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, जबलपुर, भोपाल, झारखंड, ग्वालियर, दिल्ली, हरियाणा से भी आवेदक पहुंच रहे हैं।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग इंदौर में अपने जिले के दिव्यांगों के हुनर को तराशने के लिए शुरू की गई योजना अन्य प्रदेशों में भी उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। जिले के 163 दिव्यांगों सहित 10 से अधिक प्रदेशों के दिव्यांग इंदौर में ट्रेनिंग लेना चाहते हैं। भाला और गोला, बैडमिंटन, तीरंदाजी, तैराकी, टेबल-टेनिस, साइकिलिंग, व्हीलचेअर क्रिकेट, ब्लाइंड क्रिकेट, मूक-बधिर क्रिकेट जैसे खेलों में दिव्यांगों ने बढ़ चढक़र उत्साह दिखाया है। तीरंदाजी जैसे कठिन मुकाबले के लिए प्रदेश के 7 सहित 14 आवेदक आए हैं। वहीं भाला और गोला फेंक जैसे वजनीय खेल में 103 खिलाड़ी प्रशिक्षण लेना चाहते हैं। शहर में चल रही व्हीलचेअर क्रिकेट में 25, मूकबधिर क्रिकेट में 5 आवेदक हैं। यदि प्रदेश के बाहर से मिले 47 आवेदनों को भी यदि विभाग स्वीकार करता है तो 210 दिव्यांग विभिन्न विधाओं में पारंगत हो सकेंगे।
पावर लिफ्टिंग ताइक्वांडो के साथ तबला, गिटार, राकबैंड ही
पावर लिफ्टिंग ताइक्वांडों जैसे खेलों में रुचि दिखा रहे आवेदकों के लिए विभाग ने शहर में स्थित विभिन्न खेल प्रशिक्षण दे रही संस्थाओं से सम्पर्क किया है। जल्द ही विभाग प्रशासन की मदद से इन दिव्यांगों को शार्टलिस्ट करके ट्रेनिंग सेशन शुरू करवाएगा। गूगल एप्लीकेशन के माध्यम से मिले आवेदनों में मानसिक व शारीरिक दिव्यांगों ने तबला, कीबोर्ड, हारमोनियम, गिटार, ढोलक सीखने की भी इच्छा जाहिर की है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यदि प्रशिक्षण संस्थाएं आगे आती है तो इस पर भी काम किया जाएगा। ज्ञात हो कि इंदौर जिले में 21 हजार दिव्यांग है, जिसमें से 13 से 14 हजार वोटर शामिल हैं।
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