इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट का काम वाकई सराहनीय है। जिस तरह 24 ही घंटे प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, अगर उसी तरह अन्य विकास कार्यों की रफ्तार रहे तो निर्धारित समयावधि में फटाफट काम हो सकते हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट का ठेका दो हिस्सों में दिया गया है। पहला दिलीप बिल्डकॉन द्वारा तैयार किया जा रहा है, तो दूसरे हिस्से की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड को सौंपी गई है। आरवीएनएल ने कल से अपना पहला सेगमेंट लॉन्चर शुरू कर दिया। 10 किलोमीटर के ट्रैक के साथ सभी स्टेशनों का जिम्मा भी इसी कम्पनी को दिया गया है। 2023 तक मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी 31.55 किलोमीटर का पहला चरण है, जिस पर 1417 करोड़ रुपए के टेंडर मंजूर किए गए।
तत्कालीन कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साढ़े 7 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण की शुरुआत की थी, जिसमें 23 स्टेशन एलिवेटेड और 6 अंडरग्राउंड बनना है। हालांकि एमजी रोड पर रीगल चौराहा से होते हुए शाी ब्रिज तक तो एलिवेटेड रुट रहेगा, मगर उसके आगे जिला कोर्ट, कोठारी मार्केट से राजवाड़ा तक अंडरग्राउंड रहना है। हालांकि इसको लेकर व्यापारियों-रहवासियों द्वारा विरोध भी किया गया और एलिवेटेड कॉरिडोर की ही मांग की गई है। उस पर भी अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन निर्णय करेगा। अभी 31.55 किलोमीटर के पहले चरण का काम तेजी से चल रहा है। दिन के साथ-साथ आधी रात के बाद काम में और अधिक तेजी आती है, जब यातायात की समस्या नहीं रहती।
फिलहाल तो सुपर कॉरिडोर के अलावा एमआर-10, विजय नगर, रेडीसन चौराहा और रोबोट चौराहा तक काम चल रहा है, जिसके कारण दिनभर यातायात अवरुद्ध भी रहता है। दिलीप बिल्डकॉन द्वारा पिछले दिनों सेगमेंट लॉन्चिंग कर ली गई और काफी कुछ काम हो भी गया है। वहीं आरवीएनएल ने कल से अपना पहला सेगमेंट लॉन्चर लगाया और अभी आईएसबीटी से चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा तक और उसके बाद फिर रेडिसन पर सेगमेंट लॉन्चिंग शुरू की जाएगी। लगभग 16 किलोमीटर का हिस्सा आरवीएनएल को तैयार करना है। इसके साथ ही स्टेशन के निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं।
रोलिंग स्टॉक यानी रेलवे कोच के टेंडर के साथ-साथ ट्रैक बिछाने के टेंडर भी खुल गए हैं। वहीं 568 करोड़ रुपए में कल्पतरु फर्म को इलेक्टीफिकेशन का ठेका मिला है। जबकि 156 कोच सप्लाय करने का ठेका एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया को हासिल हुआ है। इंदौर और भोपाल के लिए 156 कोच खरीदे जाना है, जिनमें से 81 कोच भोपाल के लिए और 75 कोच इंदौर के रहेंगे। पहले चरण में इंदौर में 25 मेट्रो ट्रैन चलेगी, जिनमें ये कोच इस्तेमाल होंगे। वहीं इलेक्टीफिकेशन का ठेका कल्पतरु पॉवर ट्रांसमिशन लिमिटेड को मिला है। वहीं 75 एकड़ पर सुपर कॉरिडोर पर विशाल डिपो का काम भी शुरू हो गया। उसका इलेक्टीफिकेशन भी इसी टेंडर में शामिल रहेगा। इसमें सिग्नलिंग, ट्रैन कंट्रोलिंग सिस्टम, टेली कम्युनिकेशन सहित अन्य काम शामिल रहेंगे, वहीं सात साल तक कम्पनी रख-रखाव के साथ अन्य कार्य भी करेगी। अभी तो प्रीकॉस्ट सेगमेंट लॉन्चिंग का काम तेज गति से चल रहा है। उसके बाद अब ट्रैक यानी पटरियों को बिछाने का काम प्रारंभ होगा।
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