नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने सोमवार को देश में प्रतिबंधित चल रही चीनी ऐप्स (Banned running Chinese apps) के क्लोन ऐप्स (clone apps) के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से की है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य पीयूष गोयल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजे गए एक पत्र में प्रतिबंधित चीनी ऐप्स की क्लोन ऐप्स भारत में पुन: प्रवेश की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
कारोबारी संगठन कैट ने जारी बयान में कहा कि ऐसे चाइनीज ऐप्स प्रेस नोट 1635206 दिनांक 29.06.2020 और प्रेस नोट 1650669 02 सितंबर, 2020 श्रृंखला का उल्लंघन है, जो आईटी मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया गया है। ऐसे में इन ऐप्स के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इन प्रेस नोटों ने अतीत में कुछ ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया था।
खंडेलवाल ने कहा कि विश्वसनीय इनपुट के आधार पर इन चाइनीज ऐप्स की जानकारी मांगी गई। इसकी अनुमतियां, एम्बेडेड कार्यक्षमता के साथ-साथ डेटा हार्वेस्टिंग प्रथाएं गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। वे गुप्त तरीके से डेटा एकत्र और साझा करते हैं। इतना ही नहीं वे व्यक्तिगत डेटा और उपयोगकर्ताओं की जानकारी से समझौता भी करते हैं, जो ‘देश की सुरक्षा’ के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगने के कुछ ही महीनों बाद प्ले स्टोर पर क्लोन ऐप दिखाई देने लगे, जो मूल रूप से प्रतिबंधित ऐप्स के नकाबपोश क्लोन होने के स्पष्ट संकेत दिखाते हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए कैट ने अपने पत्र में तीनों मंत्रियों को संबंधित सबूत सौंपे हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि इन ऐप्स का तरीका समान दिखने वाले नामों और आइकन वाले ऐप्स को फिर से लॉन्च करना है। ऐप-स्टोर पर ऐप लॉन्च करना अपेक्षाकृत आसान है, केवल एक डेवलपर खाता बनाने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि कोई भी अलग-अलग नामों के साथ जितने चाहें उतने डेवलपर खाते बना सकता है। प्रतिबंध के पीछे का इरादा चिंताओं और शिकायतों को दूर करना था। लेकिन, जिन एप्स के खिलाफ कैट ने कारवाई की मांग की है। वो ऐप्स चोरी कर रहे थे और उपयोगकर्ताओं के डेटा को अनधिकृत तरीके से उन सर्वरों तक पहुंचा रहे थे, जिनके स्थान भारत से बाहर हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि इन आंकड़ों का संकलन, इसका खनन और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा प्रोफाइलिंग, जो अंततः भारत की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करता है। यह बहुत गहरी चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत होती है। कारोबारी नेता ने कहा कि यह कार्यप्रणाली इन विशिष्ट ऐप्स पर भारत सरकार के लगाए गए प्रतिबंध के इरादे और सुरक्षा उपायों को पूरी तरह से बाधित करती है।
खंडेलवाल ने कहा कि लॉन्च किए गए नए क्लोनों के मालिक प्रतिबंधित ऐप्स के समान हैं, बैक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रौद्योगिकी, डेटा सर्वर और स्टोरेज पॉलिसी प्रतिबंधित ऐप्स के समान ही होने की संभावना है। इससे भारतीय उपयोगकर्ता के डेटा के दुरुपयोग और भारत के बाहर ऐसे डेटा के प्रसारण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा दुरुपयोग का जोखिम तब तक बना रहता है, जब तक कि समान डेवलपर्स के ऐसे क्लोन ऐप पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। इसको देखते हुए सरकार को इस पर तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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