जबलपुर। संस्कारधानी की गौरव संस्कार कांवड़ यात्रा आज सोमवार को प्रात: 7 बजे नर्मदा ग्वारीघाट से प्रारंभ हुई। पावन माह सावन के आज दूसरे सोमवार को हजारों की संख्या में भक्त माँ नर्मदा का जल अपनी कांवड़ में भरकरभोले के जयकारों के साथ नन्गे पैर पैदल निकले। लगभग 35 से 40 किलो मीटर का सफर तय करके कावडिये मटामर के कैलाशधाम में भगवान शिव को जल अर्पण करके यात्रा पूरी करेंगे। कांवड़ यात्रा के लिए सुबह 7 बजे भक्त माँ नर्मदा के धाम ग्वारीघाट में पहुंच कर अपनी कावड़ में एक तरफ नर्मदा जल तो वहीं दूसरी ओर देववृक्ष समान पौधा लेकर निकले। यह पूरी यात्रा प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन पर केन्द्रित है। कावंडियों की सुरक्षा के लिए लगभग 2500 वॉलेन्टियर पूरी यात्रा को लेकर चल रहे है। कांवड़ यात्रा मार्ग में जगह-जगह लोगों ने कावडियों क ा स्वागत किया। इस दौरान यात्रा में भगवान शिव, भगवान हनुमन सहित अन्य अगल-अगल झांकियों के मनमोहक स्वारूप देखने को मिले। वहीं कुछ कावंडियों ने आकर्षक और मनमोहक रूप में कांवडों को सजाया था। जिनकी सुंदरता देखते ही बन रहीं थी। बुजुर्ग, महिलायें, पुरूष, युवक युवती, बच्चों सभी में यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
नर्मदा तट ग्वारीघाट से हुआ शुभारंभ
प्रात: 7 बजे नर्मदा पावन तट ग्वारीघाट से यात्र प्रारंभ हुई। जो कि अवधपुरी मोड-साईबाबा मंदिर, रामपुर चौक, बंदरिया तिराहा, छोटी लाईन फ ाटक,ब्लूम चौक, तीन पत्ती चौक, मालवीय चौक, सुपर मार्केट, बड़ा फु हारा, कमानिया गेट, सराफ ा चौक, खटीक मोहल्ला, फू टाताल, बेलबाग चौराहा, घमापुर चौक, शीतलामाई मंदिर, सतपुला क्रासिंग, व्हीकल मोड, वेस्टलैण्ड, मटामर मंदिर खमरिया में समाप्त होगी।
जगह-जगह हुआ स्वागत
गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड से सम्मानित विश्व की सबसे बड़ी कावर यात्रा आज सुबह प्रात: 7 बजे से निकली जहां यात्रा का स्वागत करने के लिए लगभग 200 से भी अधिक स्वागत मंच लगाये गए। वहीं कावंडियों के लिए पानी, खिच्चड़, हलुआ, खीर प्रसाद के रूप में यात्रा मार्ग में बांटा गया।
झांकिया रहीं आकर्षण का केन्द्र
शहर का गौरव माने जाने वाली संस्कार कांवड यात्रा को भव्य बनाने यात्रा में अगल-अगल झांकियां, बैण्ड, घोड़े आदि यात्रा में शामिल हुए। जिससे शहरवासी अपने-अपने घरों से निकल कर भव्य यात्रा देखते हुए नजर आए। वहीं हजारों कावडिय़े अलग-अलग रूप मेें अपनी कांवड़ को सजाकर लाए। जो सभी का मन मोह रही थी।
पुलिस की रही चाक चौबंध व्यवस्था
संस्कार कांवड यात्रा को लेकर सुबह से ही पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। कांवड़ यात्रा के लिए यातायात को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर यातायात को डार्यवर्ट किया गया था। जिससे यात्रा सुगमता से निकल सके।
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