इंदौर। केन्द्र सरकार का सबसे महत्वकांक्षी भारत माला प्रोजेक्ट इन दिनों तेज गति से चल रहा है। मध्यप्रदेश के तीन जिलों से यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, जिसकी लम्बाई 245 किलोमीटर रहेगी। इसमें से 100 किलोमीटर से अधिक का निर्माण हो भी चुका है। इंदौर को भी इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए राऊ-देवास बायपास के जरिए गरोठ और वहां से 8 लेन से जोड़ा जा सकेगा। इंदौर से गरोठ तक 173 किलोमीटर का फोरलेन बनाया जा रहा है। 1890 करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे। अभी केन्द्र सरकार ने गरोठ-2 पैकेज में 847 करोड़ रुपए की राशि मंजूर भी की है। इस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के आसपास फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक इकाइयां, कृषि आधारित उत्पादन सेंटर सहित अन्य गतिविधियां रहेंगी। 1380 किलोमीटर का यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे तैयार हो रहा है, जिस पर 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मार्च-23 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से मालवा क्षेत्र के ही तीनों जिलों को सबसे अधिक फायदा होगा। इंदौर, देवास, उज्जैन को राऊ-देवास बायपास के जरिए गरोठ होते हुए इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, क्योंकि इंदौर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पिछले दिनों इंदौर आए थे तो उन्होंने इस एक्सप्रेस-वे का भी अवलोकन किया और प्रदेश के तीनों जिलों में जो 245 किलोमीटर लम्बाई में निर्माण होना है वह इस साल नवम्बर तक पूरा हो जाएगा, क्योंकि 100 किलोमीटर से अधिक का निर्माण तो बनकर तैयार भी है, जिस पर श्री गडकरी ने खुद 120 किलोमीटर की रफ्तार से चले वाहन में बैठकर सफर भी किया था।
इंदौर से गरोठ तक 173 किलोमीटर फोर लेन की सडक़ बनने से एक्सप्रेस-वे से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब भी बनाया जा रहा है। मंदसौर में 102 किलोमीटर, रतलाम में 90 और झाबुआ में 52 किलोमीटर इस एक्सप्रेस-वे की लम्बाई रहेगी। यानी कुल मिलाकर 245 किलोमीटर का यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश में बनेगा, जो दिल्ली-मुंबई के मुख्स एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा, जिसकी कुल लम्बाई 1350 किलोमीटर की है और इस प्रोजेक्ट के पूरे हो जाने से दिल्ली-मुंबई के बीच मात्र 12 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा। प्रदेश में 200 से अधिक बड़े पुल, 500 से अधिक छोटे पुल और 100 से ज्यादा अंडरपास के साथ आधा दर्जन से अधिक टोल बूथ भी रहेंगे। इस एक्सप्रेस-वे पर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर वाहन दौड़ेंगे।
475 करोड़ के दो और प्रोजेक्ट केन्द्र ने किए मंजूर
इंदौर आए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों-सांसदों द्वारा उनके क्षेत्रों के जो प्रोजेक्ट थे उन्हें फटाफट मंजूरी देने की घोषणा की थी। उसके बाद से लगातार केन्द्र सरकार सडक़ों और पुलों के इन प्रोजेक्टों को मंजूरी दे रही है। अभी 475 करोड़ से 112 किलोमीटर की दो और प्रोजेक्टों को मंजूरी दी है, जिसमें नेशनल हाईवे 45 पर डिंडोरी से अमरकंटक तक की सडक़ के लिए 329 करोड़ रुपए की लागत से 77 किलोमीटर का निर्माण होगा, तो उसी तरह 32 किलोमीटर के कुंडम से शाहपुरा तक की सडक़ के लिए 146 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इन दोनों सडक़ों के लिए खर्च होने वाली पूरी राशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही है। मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग की राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई द्वारा इन सडक़ों का निर्माण किया जाएगा। इससे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर जो कि ग्वालियर, झांसी, सागर, नागपुर तक है के साथ ही, वाराणसी, रीवा, नागपुर नेशनल हाईवे 44 से सीधा जुड़ाव हो सकेगा। वल्र्ड हेरिटेज भेराघाट का उद्गम स्थल अमरकंटक भी इस मार्ग से जुड़ेगा, जिससे पर्यटन को भी और बढ़ावा मिलेगा।
48 किमी का उज्जैन-गरोठ पैकेज-2 का काम भी जल्द शुरू
अभी अग्निबाण ने ही यह खुलासा किया था कि 876 करोड़ रुपए की राशि केन्द्र सरकार ने उज्जैन-गरोठ पैकेज-2 के तहत मंजूर की है, जिसमें 48 किलोमीटर लम्बाई में खेड़ा खजूरिया से सुहागढ़ी तक का हिस्सा बनेगा। 136 किलोमीटर का जो उज्जैन-गरोठ फोरलेन बन रहा है उससे मात्र 3 घंटे में इंदौर से गरोठ और फिर कोटा पहुंचा जा सकेगा। इस फोरलेन पर 1100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट करते हुए इस मंजूरी की जानकारी दी। इस नए मार्ग के बनने से इंदौर-उज्जैन के बीच एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार हो जाएगा। अभी इंदौर से गरोठ के लिए 230 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, जिसमें 5 घंटे तक लग जाते हैं। अब दूरी घटने के साथ समय भी बचेगा।
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