इंदौर। नंदलालपुरा चौराहे (Nandlalpura crossroads) पर वर्षों पुराना तीन मंजिला जर्जर मकान (Shabby house) आज निगम (Nagar Nigam) की टीम ने ढहा दिया। मकान को ढहाने के दौरान कई बार अधिकारी (officer) इस बात को लेकर तनाव में रहे कि तोड़फोड़ के दौरान मकान का जर्जर हिस्सा आसपास के मकानों पर नहीं गिर जाए। अब जवाहर मार्ग चौराहे का रास्ता भी चौड़ा हो जाएगा। नगर निगम द्वारा खतरनाक मकानों की सूची (list) बनाई गई थी और उसी के आधार पर अब तक दस से ज्यादा स्थानों पर खतरनाक मकानों के हिस्से ढहाए जा चुके हैं। आज सुबह निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल और रिमूवल प्रभारी बबलू कल्याणे के नेतृत्व में टीम नंदलालपुरा चौराहा पहुंची। वहां नंदू साहू का तीन मंजिला जर्जर मकान तोड़ना शुरू किया गया।
मकान के निचले हिस्से मेंं दुकानें बनी हुई थीं और ऊपरी मंजिलें खाली थीं, जिसके चलते निगम की टीमों को तोड़फोड़ में दिक्कत नहीं आई, लेकिन चौराहे पर तीन मंजिला जर्जर मकान होने के कारण आसपास के मकानों पर उसका हिस्सा गिरने के डर से अधिकारी लगातार मॉनीटरिंग कर बड़ी पोकलेन से सावधानीपूर्वक तोड़फोड़ करवा रहे थे। पूर्व में कई खतरनाक मकानों को ढहाने के दौरान उनके जर्जर हिस्से अन्य मकानों पर गिर चुके थे, जिसके कारण लोग वहां जमा हो गए थे। आज सुबह जवाहर मार्ग और नंदलालपुरा के दोनों ओर का यातायात बंद कर कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान पुलिसकर्मी वाहन चालकों को वहां से रोकते रहे और अलग-अलग हिस्से को निगम की टीमों ने तोड़ना शुरू किया। वहां आने वाले दिनों में सड़क का काम भी शुरू होना है, जिससे वाहन चालकों को चौड़ा रास्ता मिलने की उम्मीद है। नीचे करीब सात से आठ दुकानें हैं और दुकानदार वहां खड़े रहकर निगम अधिकारियों से यह जानकारी भी ले रहे थे कि दुकानों में सामान भरा है, ऐसी स्थिति में क्या दुकानें भी तोड़ने की कार्रवाई होगी। इस पर अधिकारियों ने उन्हें वहां से एक ओर रवाना कर दिया और कार्रवाई जारी रखी। कार्रवाई देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की चौराहे पर भीड़ जमा हो गई थी।
मकान के समीप मंदिर होने के कारण अतिरिक्त सावधानी
नंदलालपुरा चौराहे पर वर्षों पुराने मकान को ढहाने के पहले निगम के अधिकारियों की टीम एक दिन पहले ही वहां निरीक्षण करने पहुंची थी। इस कार्य के लिए आज सुबह दो बड़ी पोकलेन बुलाई गईं। एक मशीन को मंदिर के आसपास के हिस्सों में सुरक्षा बतौर तैनात किया गया था, जबकि दूसरी मशीन से सावधानीपूर्वक जर्जर मकान के हिस्से अलग-अलग ढहाए जा रहे थे। अधिकारियों का कहना था कि मंदिर का हिस्सा समीप है और ऊंचाई से मलबा गिरने के कारण वहां किसी प्रकार की क्षति न हो, इसका ध्यान रखने के लिए वहां टीम भी तैनात की गई थी। मकान के हिस्से इतने जर्जर हो चुके थे कि पोकलेन के एक पंजे में ही दीवारें खिड़कियां भरभराकर ढह रही थीं। एक घंटे के अंतराल में मकान के कई खतरनाक हिस्से पूरी तरह ढहा दिया गया। वहीं दूसरी और समीप के एक और खतरनाक मकान का जर्जर हिस्सा भी निगम की टीम ने ढहाना शुरू कर दिया। इसी मकान के समीप बने एक और मकान को भी निगम की टीम ने नोटिस दिया था।
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