नई दिल्ली। भारत की 15वीं राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर द्रौपदी को दुनियाभर के देशों से बधाइयां मिली हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से भेजे गए संदेश में कहा गया, एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है। उनका निर्वाचन प्रमाण है कि जन्म नहीं, व्यक्ति के प्रयास उसकी नियति तय करते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र प्रमुख पद पर पहुंचना उनकी ऊंची शख्सियत का ही परिणाम है। उनके लिए ढेरों बधाइयां।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रो ने कहा, मुर्मू को राष्ट्रपति बनने पर बधाई। महिलाओं को उनसे प्रेरणा मिलेगी। श्रीलंका में भी राजनीतिक दलों ने उन्हें खुले दिल से बधाइयां दीं। हाल ही में श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव हारने वाले डुलास अल्फापेरुमा ने कहा, आजादी के बाद जन्म लेने वाली, जातीय और सांस्कृतिक रूप से दुनिया के सबसे अनोखे देश की राष्ट्रपति को बधाई।
श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेग्या के सजित प्रेमदास ने कहा, मुर्मू का उत्थान सभी लोकतांत्रिक देशों को अपने लोगों के लिए बेहतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा, नेपाल सरकार और यहां के लोगों की ओर से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मैं मुर्मू को बधाई देता हूं। उम्मीद है कि दोनों देशों के परंपरागत संबंध आने वाले दिनों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे।
पाकिस्तानी मीडिया ने भी मुर्मू को सराहा
राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर द्रोपदी मुर्मू को पाकिस्तान के मीडिया की भी सराहना मिली है। डॉन अखबार ने उनके 15वां राष्ट्रपति चुने जाने की खबर में कहा, इससे 2024 के चुनाव में भी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हुई है। वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। साथ ही अखबार ने कहा, मुर्मू जिस आदिवासी समुदाय से आती हैं, वह भारत की 140 करोड़ जनसंख्या में केवल आठ फीसदी हैं। इससे केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को इस वर्ग के वोट पाने में मदद मिलेगी।
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