भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 2022 के परिणामों ने भोपाल और कांग्रेस दोनों ही दलों की टेंशन बढ़ा दी है। भोपाल को जहां 16 नगर निगम में पिछले चुनावों के मुकाबले 7 सीटों का नुकसान हुआ, तो वहीं कांग्रेस 5 सीट पर चुनाव तो जीती। लेकिन, 9 सीट पाने वाली भाजपा से 4 सीटें पीछे ही रही। इन परिणामों से यह तो साफ हो गया है कि प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों के बीच कांटे का मुकाबला होगा। लिहाजा। कांग्रेस ने अभी से विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी प्रदेश में गांधी चौपाल के जरिए लोगों तक अपनी रीति-नीति पहुंचाने की तैयारी में जुट गई है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस यह बात भली-भांति जानती है कि अगर प्रदेश की सत्ता में वापसी करनी है तो जमीनी जमावट को मजबूत करना होगा। लिहाजा, ब्लॉक से जिला स्तर तक गांधी चौपाल के जरिये पार्टी अपनी रीति-नीति, कांग्रेस की विचारधारा और भाजपा सरकार की नाकामियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी। कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि महात्मा गांधी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं और उन्होंने हमेशा अंत्योदय के कल्याण का रास्ता दिखाया है। इसी विचार पर कांग्रेस ने दशकों देश में शासन चलाया है और एक बार फिर प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने हम गांधी के दिखाए मार्ग पर चलेंगे।
सालभर चलेंगे मास कॉन्टेक्ट कार्यक्रम
प्रदेश में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है कि एक बार फिर अपना कैडर खड़ा करना। इसलिए पार्टी अगले चुनावों तक लगातार मास कांटेक्ट के कार्यक्रम चलाएगी। उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधी चौपाल रहेगा। इसके अलावा भारत जोड़ो अभियान, कांग्रेस नेताओं की पदयात्रा जैसे कार्यक्रम भी शामिल हैं। खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि कांग्रेस की लड़ाई भाजपा के मजबूत संगठन से है। लिहाजा कांग्रेस को भी अपने संगठन को मजबूत करना होगा। इसके लिए जनता से सीधा संवाद बेहद जरूरी है।
हमने गांधी का सपना किया साकार: भाजपा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की गांधी चौपाल लगाने की कवायद पर सियासत भी गरमा गई है। भोपाल का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदेश से सूपड़ा साफ हो गया है और विधानसभा चुनावों में भी नतीजे भोपाल के ही पक्ष में आने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस कितने भी प्रयास कर ले लेकिन जनता भोपाल के साथ है। भोपाल के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि पंडित दीनदयाल और महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर सिर्फ भाजपा चली है। केंद्र और राज्य की सरकार ने अंत्योदय कल्याण के लिए कई सारी योजनाएं चलाई हैं।
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