भोपाल। राजधानी में मानसून की मेहरबानी जमकर बरसी है। निरंतर बरसात और सीहोर के कोलांस नदी का जलस्तर बढऩे से बड़ा तालाब लबालब हो गया है। फुल टैंक लेवल होने में करीब आधा फीट की दूरी है। लेकिन भोपाल शहर की आधी आबादी की प्यास बुझाने वाला कोलार बांध 43 प्रतिशत खाली है। यह चिंता का विषय है। हालांकि जानकारों का कहना है की आगे होने वाली बारिश से कोलार डैम भर सकता है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार भोपाल में अब तक 70 फीसदी बरसात हो चुकी है। जुलाई माह का कोटा पूरा हो चुका है। प्रदेश में औसत से 20 प्रतिशत और भोपाल में 93 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। फिर भी भोपाल शहर की आधी आबादी की प्यास बुझाने वाला कोलार बांध 43 प्रतिशत खाली है। यही हाल प्रदेश के अन्य प्रमुख बांधों के हैं। वे 25 से 80 प्रतिशत ही भर पाए हैं। वैसे वर्षा का दौर अभी चलेगा लेकिन मानसून कमजोर पड़ा, तो बांधों का भरना मुश्किल हो जाएगा, जो अगले साल पेयजल और सिंचाई के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।( उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक जून से 21 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे तक औसत से 18 प्रतिशत ज्यादा वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से सात प्रतिशत कम, तो पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 47 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में अब तक 335.5 मिली मीटर वर्षा होनी थी और 403.9 मिली मीटर हो चुकी है। ऐसे ही भोपाल में 342.7 मिमी होनी थी और 660.1 मिमी हो चुकी है।
दो दिन में जल स्तर में आई कमी
प्रदेश में पिछले दो दिनों से पहले की तरह लगातार वर्षा नहीं हो रही है। इसलिए पिछले दो दिन के मुकाबले गुरुवार को सभी बांधों का जलस्तर कम हुआ है। हालांकि इसमें मामूली कमी दर्ज की गई है।
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