इंदौर। रतलाम से दाहोद के बीच 17 जुलाई की रात एक माल गाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण 36 घंटे तक दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ। इस दौरान 100 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ। 41 ट्रेनों को निरस्त किया गया और 59 को बदले मार्ग से चलाया गया। कई ट्रेनों का समय भी बदला गया। कल दोपहर बाद इस ट्रैक को ठीक कर ट्रेनों का संचालन शुरू करने के बाद भी घटना का असर बरकरार है। इस ट्रैक से जहां ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती थीं, वहीं अभी इन्हें घटना स्थल से 20 किलोमीटर की रफ्तार से गुजरने की ही अनुमति दी गई है। इसके कारण जब तक पूरी रफ्तार की छूट नहीं मिलती है, तब तक रेल यातायात प्रभावित ही रहेगा।
घटना में दोनों रेल लाइन अप एंड डाउन पर डिब्बे बिखर गए थे। इस कारण यहां से ट्रेनों का गुजर पाना संभव नहीं था, वहीं ओवरहेड लाइन के तार भी टूट गए थे। रेलवे द्वारा युद्ध स्तर पर सुधार कार्य शुरू किया गया। इसके बाद कल दोपहर 12 बजे से मुंबई से इंदौर आने वाले मार्ग पर ट्रेन शुरू की गई, वहीं शाम को जाने वाले मार्ग पर भी ट्रेनों का संचालन शुरू हो सका। घटना के दौरान रेल लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण रेलवे ने सुधार के बाद अभी सतर्कता के लिए यहां गति पर प्रतिबंध लगाया है। इसके तहत घटनास्थल से ट्रेनें 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही गुजर सकती हैं।
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि इस ट्रैक की स्पीड लिमिट 110 किलोमीटर प्रति घंटे की है, लेकिन अभी ट्रेनों को यहां से 20 किलोमीटर की रफ्तार से ही गुजरने के निर्देश हैं। यहां से क्रास होने के बाद ट्रेनें सामान्य रफ्तार से चल सकती हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों द्वारा कुछ समय निगरानी रखी जाने के बाद सब सही पाए जाने पर इसकी रफ्तार को कुछ चरणों में बढ़ाते हुए सामान्य कर दिया जाएगा, लेकिन तब तक यहां से ट्रेनें धीमी गति से ही गुजर पाएंगी। इससे ट्रेनों का समय लेट भी हो सकता है।
कल पुरी-इंदौर भी निरस्त
17 की रात को हुई दुघर्टना का असर 21 जुलाई तक देखने को मिल रहा है। रेलवे ने कल इंदौर से पुरी जाने वाली ट्रेन को निरस्त कर दिया था, वहीं यह ट्रेन 21 जुलाई को पुरी से वापस इंदौर आती है। रेलवे ने इसे भी निरस्त करने की घोषणा की है। इसी तरह रैक देर से उपलब्ध होने के कारण कल इंदौर से मुंबई जाने वाली अवंतिका एक्सप्रेस भी दो घंटे देरी से रवाना हो सकी थी। रेलों के निरस्त और बदले मार्ग से चलाने और रिशेड्यूल किए जाने से हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इससे पहले गुर्जर आंदोलन के समय नवंबर 2020 में इसी रेल लाइन (दिल्ली-मुंबई) पर तीन दिनों तक ट्रेनों का संचालन बंद था, जिससे कई ट्रेनों को निरस्त और रिशेड्यूल किया गया था।
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