लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों पर जल्द ही योगी सरकार का शिकंजा कसने वाला है. यूपी के ऐसे मदरसों पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने पूरी प्लानिंग कर ली है. मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने यह जानकारी दी कि यूपी के मदरसों की पड़ताल करने के लिए जल्द एक सर्वे शुरू किया जाएगा. इस सर्वे के माध्यम से फंडिंग से लेकर मदरसे के संचालन की पूरी जानकारी हासिल की जाएगी.
इफ्तिखार अहमद जावेद की मानें तो यूपी सरकार जो कदम उठाने जा रही है, उसके अनुसार मदरसों को फंडिंग कहां से हो रही है, इसकी जांच होगी. इतना ही नहीं, मदरसों को कौन सी संस्थाएं मदद कर रही हैं और किस तरह की मदद कर रही है, इसकी भी जांच होगी. साथ ही. मदरसा शिक्षा परिषद की नई नियमावली तैयार की जाएगी.
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि सर्वे के बाद पात्र मदरसों को ही मान्यता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस साल से मदरसों में नए और आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू होगी. मदरसों में नए विषयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और शिक्षकों की नियुक्ती मे सभी पैमाने पूरे किए जाएंगे.
बताया यह भी जा रहा है कि मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसे की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा ) की तर्ज पर एमटीईटी (मदरसा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) को लागू करने का फैसला किया है. इसके लागू होने के बाद एमटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही मदरसों में शिक्षक बन पाएंगे.
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