उज्जैन। आटा, चावल और दाल के पैकेट पर जीएसटी लगाए जाने के विरोध में देशभर में व्यापारियों ने हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किया था। इसी के तहत कल मंडी व्यापारियों ने भी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल रखी थी। आज मंडी व्यापारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी है और मंडी में सुबह से कारोबार शुरु हो गया है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन कृषि उपज मंडी में बारिश का सीजन शुरु होते ही गेहूँ सहित अन्य उपजों की आवक नाम मात्र रह गई थी। इस बीच केन्द्र सरकार द्वारा आटा, दाल, अनाज जैसे पैकेट बंद व लेवल वाले खाद्य पदार्थ पर सोमवार से जीएसटी लगाने का निर्णय लिया था। इसका विरोध देशभर के व्यापारियों ने शुरु कर दिया था। उज्जैन कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने भी सोमवार को इसके विरोध में सांकेतिक हड़ताल की थी और कारोबार बंद रखा था। आज फिर से व्यापारियों ने मंडी में हड़ताल समाप्त कर कामकाज शुरु कर दिया है। हालांकि आज सुबह कृषि उपज मंडी में गेहँू, चना, सोयाबीन सहित अन्य उपजों की करीब 4 हजार बोरियों की ही आवक हुई है। बरसात में गेहूँ और सोयाबीन की आवक मंडी में लगातार घट रही है।
गरीब और आम लोग पूछ रहे सवाल
आटा, दाल, अनाज जैसे खाद्य पदार्थ जो पैकेट बंद और लेवल वाले हैं, सोमवार से उन्हें सरकार ने जीएसटी के दायरे में ले लिया। हालांकि इनकी 25 किलो से अधिक की पैकिंग पर जीएसटी नहीं लगाने की बात सरकार ने की है, जबकि इससे कम वजन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है। सरकार के इस निर्णय से खुदरा व्यापारियों को जरूर फायदा होगा लेकिन आम लोगों का कहना है कि वे 25 किलो से कम की खरीदी अधिक करते हैं, ऐसे में उन्हें यह टैक्स भुगतना ही होगा।
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