नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने मुंबई के रायगढ़ सहकारी बैंक (Raigarh Sahkari Bank) पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी है. आरबीआई ने सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण यह कदम उठाया है. इन पाबंदियों के लागू होने के बाद रायगढ़ सहकारी बैंक के खाताधारक 15 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे. सेंट्रल बैंक ने इसके अलावा भी कुछ अन्य पाबंदियां लगाने की जानकारी दी है.
सहकारी बैंक पर लगी ये पाबंदियां
रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी. सेंट्रल बैंक ने रायगढ़ सहकारी बैंक के ऊपर बिना पूर्व-अनूमति के कर्ज देने पर भी रोक लगा दी है. इसी तरह रायगढ़ सहकारी बैंक अब न तो कहीं कोई इन्वेस्टमेंट कर सकता है और न ही ग्राहकों से कोई नया डिपॉजिट एक्सेप्ट कर सकता है. रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि रायगढ़ सहकारी बैंक के ग्राहक अपने बचत और चालू खातों से 15,000 रुपये से अधिक की राशि नहीं निकाल सकेंगे.
कैंसिल नहीं हुआ है बैंकिंग लाइसेंस
सहकारी बैंक पर ये पाबंदियां अगले छह महीने तक लागू रहेंगी. रिजर्व बैंक ने कहा कि छह महीने तक ये पाबंदियां लागू रहेंगी. उसके बाद रिजर्व बैंक के अगले आदेश से आगे की स्थिति साफ हो सकेगी. सेंट्रल बैंक ने रायगढ़ सहकारी बैंक के ऊपर पाबंदियां लगाने का ऐलान करने के साथ ही ये भी बताया कि इसका मतलब बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करना नहीं है. सेंट्रल बैंक के इस फैसले से सहकारी बैंक के ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि राहत की बात है कि छह महीने के बाद उनकी दिक्कतें दूर हो सकती हैं.
इस बैंक पर RBI ने लगा दिया जुर्माना
रिजर्व बैंक देश में काम कर रहे सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर निगरानी रखता है. कोई गड़बड़ी पाए जाने पर रिजर्व बैंक इस तरह के कदम उठाता है. सेंट्रल बैंक ने कहा कि रायगढ़ सहकारी बैंक की वित्तीय सेहत में सुधार आते ही पाबंदियों में नरमी आने लगेगी. सेंट्रल बैंक ने अलग से एक बयान में बताया कि श्री छत्रपति राजर्षि शाहू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Shree Chhatrapati Rajarshi Urban Co-Operative Bank Ltd) के ऊपर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना बैंकिंग फ्रॉड के क्लासिफिकेशन और उसकी जानकारी (Banking Fraud Classification and Reporting) देने में हुई देरी के कारण लगाया गया है.
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