नई दिल्ली। देश की अलग-अलग कंपनियों ने बीते साल सात वर्षों के दौरान अपनी सीएसआर की राशि का 60 प्रतिशत शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यकलापों पर खर्च किया है। सोमवार को लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बात की जानकार दी है।
मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया है कि इस अवधि के दौरान कुल सीएसआर की राशि का 33 प्रतिशत कंपनियों ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में खर्च किया है।
बता दें कि कंपनीज एक्ट, 2013 के अनुसार देश में एक विशेष तरह की प्रॉफिट मेकिंग कपनियों को अपने तीन वर्षों के औसत शुद्ध मुनाफे (Average Net Profit) का दो प्रतिशत सीएसआर (Corporate Social Responsibilty) के तहत सामाजिक कार्यों पर खर्च करना पड़ता है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए यह भी कहा है कि सरकार सरकार किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र या गतिविधि में खर्च करने के लिए कंपनियों को कोई विशेष निर्देश जारी नहीं करती है।
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