भोपाल। डाक्टरों की आफिस कार्य में बढ़ती रुचि को देखते हुए अब शासन उनकी रुचि के बारे में जानकारी जुटाएगी। जो डाक्टर जिस कार्य को करने में अधिक रुचि रखेगा उसे उसकी रुचि के मुताबिक कार्य दिया जाएगा। जिससे स्वास्थ्य महकमे का काम बेहतर ढंग से हो सके। इसी को लेकर एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों की आनलाइन बैठक लेते हुए कहा कि वह एक फार्मेट जारी करने वाले हैं। जिसे हर डाक्टर को भरकर देना है। उसमें उनकी रुचि से संबंध सवाल होंगे जिनके हर डाक्टर को जबाव देना होगा। डाक्टर जो जबाव देगा उसकी रुचि के मुताबिक उस डाक्टर को वैसा ही कार्य सौंपा जाएगा। जिससे शासन को यह पता चल सके कि अस्पताल में सेवाएं देने वाले डाक्टरों की संख्या हकीकत में क्या है। जिससे आगे भर्ती कर डाक्टरों की कमी को पूरा की जा सके। डाक्टर जो भी चुनाव करेंगे उन्हें उसी क्षेत्र में पदोन्नति दी जाएगी।
प्रदेश में ऐसे डाक्टरों संख्या काफी अधिक है जिन्होंने एमडी किया है। लेकिन वह अस्पताल में सेवाएं देने की अपेक्षा वह सीएमएचओ कार्यालय में राज्य के संचालित होने वाले कार्यक्रम प्रभारी बनकर जमे हुए है। इसके अलावा वह किसी न किसी रुप में जेडी आफिस या अन्य किसी कार्यालय में बाबू का काम कर रहे हैं। इसी को लेकर एसीएस ने कहा कि प्रदेश भर के सभी डाक्टरों से उनकी रुचि पूछी जाएगी कि वह क्लीनिकल काम करना चाहते हैं या फिर आफिस वर्क। जिससे यह पता चल सके कि क्लीनिकल काम करने वाले डाक्टरों की संख्या कितनी है और आफिस वर्क कितने डाक्टर काम करना चाहते है। क्योंकि अभी तक यह हो रहा है कि डाक्टर की पदस्थापना अस्पताल में होती है और काम वह सीएमएचओ कार्यालय या जेडी कार्यालय में कर रहा होता है। इससे मरीजों को उचित पमरार्श नहीं मिल पाता है।
7 दिन में देनी है जानकारी
अगले सात दिन में शासन स्तर से फार्मेट जारी होने वाला है। जिसे भरने पर यदि कोई डाक्टर क्लीनिकल काम चुनता है और दूसरा डाक्टर आफिस वर्क। तब ऐसे में जो डाक्टर क्लीनिकल काम चुनता है तो उससे आफिस संबंधी कोई कार्य नहीं कराया जाएगा। इसी तरह से यदि कोई डाक्टर आफिस वर्क चुनता है तो उसे क्लीनिक कार्य नहीं कराया जाएगा। जिससे आफिस व अस्पताल का काम प्रभावित न हो।
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