कटे होंठ और तालू के अब तक हजारों बच्चों का कर चुके है नि:शुल्क इलाज
इंदौर। जब बेटी (daughter) हुई तो उसके होंठ (lips) कटे हुए थे। इस समस्या के साथ पैदा हुई बेटी का इलाज हमने तो करा लिया और वह आज सफल महिला उद्यमी है, लेकिन बेटी ने कहा कि मेरे जैसे कई बच्चे इस समस्या के साथ पैदा होते हैं और उनका इलाज नहीं हो पाता है तो उसने हमें प्रेरणा दी कि हम देशभर में एक अभियान चलाएं, जिसमें हमने ऐसे बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी (free surgery) करने की ठानी और हमने अपने आश्रय हस्त ट्रस्ट और स्माइल ट्रेन (smile train) के ट्रीटमेंट पार्टनर, के साथ मिलकर देश के सात राज्यों में अब तक हजारों बच्चों का इलाज कर चुके हैं। यह बात आश्रय हस्त (Ashraya Hastha) की ट्रस्टी आशा दिनेश (asha dinesh) ने इंदौर में अपने नए अभियान की शुरुआत करते हुए कही। उन्होंने बताया कि हमने अगले पांच सालों में 7 राज्यों में 10 हजार से अधिक बच्चों और बड़ों का क्लेफ्ट (cleft) की समस्या को दूर करने का जिम्मा उठाया है। महू में जन्मी आशा ने बताया कि मैं उन माताओं के साथ समानुभूति रखती हूं, जो अपने बच्चों के लिए वह देखभाल और इलाज नहीं पा सकतीं, जो बच्चों को स्वस्थ व सामान्य जीवन जीने के लिए जरूरी होता है।
प्रत्येक वर्ष 35 हजार बच्चे इस समस्या के साथ पैदा होते हैं
प्रत्येक वर्ष अमूमन 35,000 बच्चे कटे होंठ और तालू के साथ जन्म लेते हैं और सैकड़ों-हजारों बच्चे इलाज न मिल पाने की स्थिति में एकांत में जिंदगी गुजार देते हैं। ऐसे बच्चों को भोजन करने, सांस लेने, बोलने और सुनने संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं।
तीन माह बाद होंठ और 9 माह बाद तालू का आपरेशन
डॉ. जयदीप चौहान ने बताया कि जिन बच्चों के कटे होंठ होते हैं, उनका ऑपरेशन 3 माह बाद और तालू का 9 माह बाद आसानी से हो जाता है। इसके बाद वे बच्चे सामान्य जीवन जीते हैं।
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