तेल अवीव। दशकों से इजरायल और अरब देशों के बीच तनाव रहा है, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। इस दिशा में सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठाते हुए इसके संकेत दिए हैं। सऊदी अरब ने इजरायल के सभी विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को खोलने का फैसला लिया है।
यह फैसला जो बाइडेन की यात्रा से ठीक पहले लिया है, जो कल इजरायल पहुंचे थे और अब सऊदी अरब की यात्रा पर निकले हैं। बाइडेन के सऊदी अरब आने से पहले देश के उड्डयन निदेशालय ने ट्वीट कर अपने फैसले की जानकारी दी है। इसमें कहा गया, ‘किंगडन ने इजरायल के सभी विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को खोलने का फैसला लिया है।’
यह ऐलान इजरायल और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को सामान्य करने के लिहाज से अहम फैसला माना जा रहा है। दरअसल ईरान के मध्य पूर्व में दखल बढ़ाने की कोशिशों का सऊदी अरब विरोध करता रहा है। माना जा रहा है कि इसी के चलते उसने ईरान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी इजरायल को साथ लेने का फैसला लिया है और लगातार उससे संबंधों को बेहतर करने की कोशिश में है।
सऊदी अरब के इस फैसले का जो बाइडेन ने भी स्वागत किया है। उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ‘इस फैसले से मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थिरता कायम होगी। यह अमेरिका और अमेरिकी लोगों के लिए भी अहम है। इसलिए इजरायल की शांति और समृद्धि के लिए भी यह फैसला महत्वपूर्ण है।’
इजरायल ने भी सऊदी अरब के इस फैसले का स्वागत किया है। इजरायली परिवहन मंत्री मेराव माइकली ने शुक्रवार को कहा कि यह बड़ा कदम है। इजरायल की उड़ानें अब सऊदी अरब के एयरस्पेस में जा सकेंगी। सऊदी अरब के किंगडम की ओर से यह फैसला लिया गया है।
इससे इजरायल की फ्लाइट्स का समय कम होगा और लागत में भी कमी आएगी। बता दें कि बीते कुछ साल ऐसे रहे हैं, जब इजरायल और सऊदी अरब अप्रत्याशित रूप से करीब आए हैं। 2020 में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सऊदी अरब की यात्रा की थी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिले थे।
ईरान से दुश्मनी ने सऊदी अरब और इजरायल को किया करीब
दरअसल ईरान से इजरायल की दुश्मनी लगातार बढ़ी है और उसी के चलते सऊदी अरब और इजरायल की दोस्ती बढ़ती दिख रही है। कुछ वक्त पहले ही इजरायल जाने वाली अन्य फ्लाइट्स को सऊदी अरब ने अपने एयरस्पेस से उड़ने की परमिशन दी थी। ऐसे में अब इस कदम ने दोनों की दोस्ती को और गहरा कर दिया है और इसके बड़े कूटनीतिक मायने हैं।
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