- कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी विभा पटेल ने राज्य निर्वाचन आयोग से की शिकायत
भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में भोपाल नगर पालिका निगम के लिए 6 जुलाई को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद भी भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव खत्म होने के बाद 3000 कर्मचारियों के कर्तव्य मतपत्र (डाक मतपत्र) अवैध रूप से जारी कर डलवाए जा रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस की भोपाल से महपौर प्रत्याशी श्रीमती विभा पटेल के निर्वाचन अभिकर्ता राजकुमार पटेल ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल से जानकारी मांगी है कि 6 जुलाई से पहले कितने कर्तव्य मतपत्र (ईडीबी) जारी किए गए थे और 7 जुलाई से कितने कर्तव्य मतपत्र (ईडीबी) जारी किए गए हैं। इसकी जानकारी तत्काल दी जाए।
पटेल ने राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाए हैं कि जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल द्वारा 7 जुलाई 2022 तथा 8 जुलाई 2022 को अपंजीक्रत स्पीड पोस्ट से लिफाफों को डाक द्वारा संबंधित कर्मचारी के घर न भेजते हुए, संस्थाओं में भेजा गया। जहां सभी को बुला-बुलाकर एक पक्ष में मतदान करने को कहा गया है। पटेल ने आयोग को बताया कि सरोजनी नायडू स्कूल, भोपाल में उनके द्वारा निरीक्षण करने पर एक ही व्यक्ति के पास चार लिफाफे देखे थे। मुझे देखकर उसने लिफाफे छिपा लिए थे। पटेल ने चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में बताया कि डाक मतपत्र का लेकर चुनाव नियम के अध्याय 11 में स्पष्ट प्रावधान है कि मतदान के बाद डाक मतपत्र नहीं डाले जा सकते हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी दल विशेष को फायदा पहुंचाने की मंशा से अवैधानिक रूप से कर्मचारियों पर दबाव डालकर डाक मतपत्र डलवा रहे हैं। ऐसे में 6 जुलाई 2022 के बाद प्राप्त डाक मतपत्रों को निरस्त किया जाए और उन्हें मतगणना में शामिल नहीं किया जाए। क्योंकि अध्याय 11 में निहित प्रावधानों के अनुसार मतदान दिनांक 6 जुलाई के बाद डाक मतपत्र न तो जारी किए जा सकते हैं और न ही मतपत्र डाले जा सकते हैं, इसके बावजूद भी भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रावधानों के विपरीत जाकर लगभग 3 हजार मतपत्र मतदाता सूची की चिहिन्त प्रति तैयार होने के बाद जारी किए हैं जो कि अवैधानिक है।