नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) की ओर से सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) का समर्थन करने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि उन्हें कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से निलंबित करने तक की तैयारी चल रही है।
आपको बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष के मेमोरेंडम पर दस्तखत से इनकार कर चुके कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खबर है कि तिवारी के इस फैसले के बाद से ही पार्टी नाखुश है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। इससे पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का समर्थन किया था, जिसके बाद पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था।
बताया जा रहा है कि पार्टी के मत के खिलाफ जाकर योजना का खुलकर समर्थन करने के चलते पार्टी में तिवारी के खिलाफ जमकर नाराजगी है। वहीं, योजना से जुड़े मेमोरेंडम पर साइन नहीं करने के बाद यह मुश्किल और बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के अंदर हो रही चर्चाओं के दौरान मनीष तिवारी को ‘कांग्रेस का सुब्रमण्यम स्वामी’ भी कहा जा रहा है।
हाल के दिनों में मनीष तिवारी ने कांग्रेस हाईकमान के सामने कई मुद्दों पर असहज स्थिति पैदा कर दी। अग्निपथ ही स्कीम पर तो उन्होंने पार्टी के स्टैंड के खिलाफ सरकार का खुलकर समर्थन किया। पार्टी के स्टैंड के खिलाफ जाकर इस स्कीम के समर्थन को लेकर उनके खिलाफ पार्टी में गहरी नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस के भीतर कुछ लोग उन्हें कांग्रेस का सुब्रमण्यम स्वामी तक बता रहे हैं।
बता दें कि तिवारी संसद में रक्षा सलाहकार समिति के सदस्य हैं। समिति की बैठक में विपक्ष की तरफ से अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की गई। बैठक में कुल 12 सांसद शामिल थे, जिनमें 6 विपक्षी दलों से थे। इनमें रजनी पाटील, शक्तिसिंह गोहिल, मनीष तिवारी, सुप्रिया सुले, सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय और एडी सिंह का नाम शामिल है। तिवारी को छोड़कर बाकी सभी विपक्षी सांसदों ने योजना की वापसी के लिए मेमोरेंडम पर साइन किए थे। यही कारण है कि मनीष तिवारी (Manish Tewari) को कांग्रेस पार्टी से निलंबित करने तक की तैयारी चल रही है।
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