नई दिल्ली । देश में वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens) को बीमा (Insurance) का दावा पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एक सर्वे में पता चला है कि बीमा कंपनियां (insurance companies) इनको दावा देने के लिए बहुत ज्यादा दौड़ाती हैं और इसमें काफी समय लग जाता है। जबकि इन नागरिकों को बीमा भी आम लोगों की तुलना में काफी महंगा मिलता है। बीमा ब्रोकरेज सिक्योरनाउ ने एक सर्वे में बता कि 60 साल से कम उम्र वाले नागरिकों को जल्दी बीमा का दावा मिल जाता है। पर इससे ज्यादा उम्र वालों को इसमें एक सप्ताह ज्यादा समय लगता है। यह सर्वे स्वास्थ्य बीमा लेनेवाले 1,250 ग्राहकों के बीच कराया गया था। इसमें से 576 वरिष्ठ नागरिक शामिल थे।
28 दिन में मिलता है दावा
सर्वे में पता चला है कि आम लोगों को बीमा का दावा 23.2 दिन में मिल जाता है। पर 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को इसे पाने में 28 दिन लग जाते हैं। हालांकि बीमा कंपनियां लगातार वरिष्ठ नागरिकों को जल्दी दावा मिलने के लिए उपाय कर रही हैं, पर फिर भी उनको अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
जल्दी बीमारी बताने में असफल
सर्वे में पता चला है कि वरिष्ठ नागरिकों को बीमा दावा मिलने में देरी का कारण यह है कि वे अस्पताल में भर्ती होने के बाद जल्दी इसकी जानकारी बीमा कंपनी को नहीं दे पाते हैं। साथ ही वे अस्पताल में ज्यादा समय तक भर्ती रहते हैं। इसके अलावा इलाज में ज्यादा खर्च आता है। ऐसे में बीमा कंपनियों को इन सब को निपटाने में समय लगता है।
6 गुना ज्यादा प्रीमियम
अगर एक 30 साल का व्यक्ति कोई स्वास्थ्य बीमा खरीदता है और उसका प्रीमियम 10,365 रुपये है तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए यही प्रीमियम 31,905 रुपये हो जाता है। 45 साल के व्यक्ति के लिए यह प्रीमियम 15,239 रुपये हो जाता है। 75 साल के व्यक्ति को इसके लिए 66,368 रुपये देने होते हैं। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को सही बीमा उत्पाद चुनना भी एक दिक्कत का काम होता है। सर्वे में यह पता चला है कि डायरिया और कैंसर जैसी बीमारियों का दावा पाने में और भी ज्यादा देरी हो जाती है।
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