नई दिल्ली। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद लोकसभा भवन के ऊपर अशोक स्तंभ के अनावरण पर आपत्ति जताई है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि यह अधिकार लोकसभा स्पीकर का है। ओवैसी ने कहा कि संविधान में संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग अलग दर्शाया गया है।
सरकार के प्रमुख के रूप में पीएम मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। यह लोकसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में आता है। स्पीकर सरकार के अधीन नहीं हैं। ओवैसी ने आरोप लगाया कि पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी सरकार के मुखिया हैं, लोकसभा के नहीं। इसलिए उन्हें यह अनावरण नहीं करना था।
9500 किलो का है कांसे का बना अशोक स्तंभ
पीएम मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक चिंह अशोक स्तंभ का अनावरण किया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक चिंह 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया है। सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है।
मोदी ने की श्रमिकों से बात
मोदी ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।
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