img-fluid

कैसे श्रीलंका जैसे संकट से बचेगा पाक? चाय तक कम पीने की करनी पड़ी अपील

July 11, 2022


इस्लामाबाद। श्रीलंका में गहरे आर्थिक संकट के चलते गृह युद्ध के हालात हैं। हजारों की भीड़ राष्ट्रपति गोटाबाया के घर पर कब्जा जमाए बैठी है। सड़कों पर लोग बैठे हैं और सुरक्षा बल भी हालातों को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। वैश्विक संस्थाओं का कर्ज, एक्सपोर्ट में कमी, विदेशी मुद्रा भंडार की लगभग समाप्ति और भीषण महंगाई ने देश के हालात बिगाड़ दिए हैं। इसी सदी के पहले दशक में ग्रोथ हासिल कर रहे श्रीलंका का यह पतन चिंताओं को बढ़ाने वाला है। खासतौर पर भारत के एक और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। पाकिस्तान ने भी किसी तरह कर्ज चुकाने में डिफॉल्टर होने से अब तक खुद को बचा रखा।

हाल ही में आईएमएफ से उसने लोन हासिल किया है। इसके अलावा चीन ने भी 2.3 अरब डॉलर का लोन पाकिस्तान को दिया है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट यह भी थी कि कर्ज के एवज में पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर प्रांत के हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान को चीन के हवाले कर सकता है, जिस पर उसने अवैध कब्जा जमा रखा है। गिलगित-बाल्टिस्तान भारतीय प्रांत का अंग है और उसी के एक हिस्से अक्साई चिन को पहले ही पाकिस्तान चीन के हवाले कर चुका है। ऐसे में पाकिस्तान में यदि आर्थिक संकट आता है और श्रीलंका जैसे हालात पैदा होते हैं तो यह उसके साथ ही पड़ोसियों और दुनिया की महाशक्तियों के लिए भी चिंता की बात होगी।


ईंधन और बिजली की कीमतें आसमान छू रहीं
पाकिस्तान को पेट्रोल और डीजल महंगी दरों पर खरीदना पड़ रहा है क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से वह भारत की तरह रूस से तेल नहीं ले पा रहा। इसके अलावा विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम हो रहा है, एक्सपोर्ट में भी कमी है। ऐसे हालात में पाकिस्तान भी आर्थिक बर्बादी के मुहाने पर खड़ा दिखता है। लेकिन पाकिस्तान में अव्यवस्था की स्थिति दुनिया के लिए चिंता की बात होगी। इसकी वजह यह है कि देश में तालिबान की मौजूदगी, परमाणु हथियार संपन्न होना और कट्टर ताकतों का देश पर हावी होना है। फिलहाल पाकिस्तान ऐसे हालतों से बचने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। एक तरफ आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की मांग है तो वहीं जनता से अपील की जा रही है कि वह बिजली और ईंधन की ज्यादा कीमतें चुकाए।

कैसे चीन की मदद संकट का खात्मा नहीं, बड़ी समस्या की शुरुआत
जून में पाकिस्तान के एक मंत्री ने तो जनता से चाय तक कम पीने की अपील कर दी थी ताकि आयात का बिल कम किया जा सके। तात्कालिक संकट को टालने के लिए भले ही वह चीन से लोन ले आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह भी लंबी समस्या की शुरुआत भर है। इसकी वजह वैश्विक मामलों के जानकार श्रीलंका के उदाहरण को भी मानते हैं, जहां चीन से लिए कर्ज के ही बोझ तले देश दबता दिखा। श्रीलंका को एक तरफ चीन ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर जमकर लोन दिया तो वहीं उसका असर भी बढ़ता गया। आर्थिक मामलों से लेकर विदेश नीति तक में श्रीलंका पंगु हो गया। नतीजा असहाय और आर्थिक बदहाल श्रीलंका के तौर पर दुनिया के सामने है।

Share:

सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को चार हफ्ते के अंदर ब्याज के साथ 40 मिलियन डालर जमा कराने के निर्देश

Mon Jul 11 , 2022
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विजय माल्या (Vijay Mallya) को चार सप्ताह के अंदर (Within Four Weeks) ब्याज के साथ 40 मिलियन डालर जमा करने के (To Deposit $40 Million with Interest) निर्देश दिए है (Directs) । ऐसा न करने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए हैं, वहीं सुप्रीम […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved