नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व प्रमुख आकार पटेल (Former Chief Akar Patel) के खिलाफ फेमा के तहत 61.72 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस जारी करने के एक दिन बाद एजेंसी ने शनिवार को कहा कि उसने संगठन और कुछ अन्य संस्थाओं (Organization and some other entities) के खिलाफ धनशोधन का आरोप पत्र दाखिल किया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल), इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट और अन्य के खिलाफ बेंगलुरू शहर (Bengaluru City) की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है.
ईडी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने धनशोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है और आरोपी को समन जारी किया है. ईडी ने आरोपी के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन का मामला दर्ज किया था. इसके बाद एजेंसी ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम , 2010 के कथित उल्लंघन और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया.
ईडी ने कहा, ‘‘2011-12 के दौरान एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) को एमनेस्टी इंटरनेशनल, ब्रिटेन से विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए, 2010 के तहत अनुमति दी गई थी.’’ जांच एजेंसी ने आगे कहा, ‘‘प्रतिकूल प्रविष्टियों के आधार पर इस इकाई को दी गई अनुमति/पंजीकरण बाद में रद्द कर दिया गया.’’ संघीय एजेंसी ने कहा कि इसके बाद एफसीआरए मार्ग से बचने के लिए 2013-14 और 2012-13 में दो नई संस्थाओं – एआईआईपीएल और आईएआईटी – का गठन किया गया और इन संस्थाओं को सेवा निर्यात और एफडीआई की आड़ में विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई.
‘ईडी की कार्रवाई को कोर्ट में देंगे चुनौती’
इससे पहले ईडी ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के उल्लंघन के लिए एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आकार पटेल पर 61.72 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. पटेल ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने की बात कही है. ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व प्रमुख पटेल पर विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत जुर्माना लगाया गया है. एमनेस्टी इंडिया पर 51.72 करोड़ रुपये जबकि पटेल पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
ईडी ने कहा कि इन दोनों को जुर्माने के संबंध में नोटिस भेजा गया है. उसने यह कदम एमनेस्टी इंडिया के बारे में मिली शिकायत की पड़ताल के बाद उठाया है. ईडी के विशेष निदेशक स्तर के अधिकारी ने इस मामले की जांच की है. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि ब्रिटेन स्थित एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नवंबर 2013 से जून 2018 के बीच अपनी भारतीय इकाई एमनेस्टी इंडिया इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल) को बड़ी मात्रा में विदेशी अंशदान कारोबारी गतिविधियों की शक्ल में भेजा था. यह असल में विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) से बचने का तरीका था. जुर्माने का नोटिस भेजे जाने पर पटेल ने एक ट्वीट में कहा, ”ईडी सरकार है, न्यायपालिका नहीं. हम न्यायालय में इसका मुकाबला करेंगे और जीत हासिल करेंगे.”
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