मुंबई। महाराष्ट्र (maharastra) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद से इस्तीफा देने के बाद अब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)के सामने अब शिवसेना (shiv sena) को बचाने की जिम्मेदारी है। इसे लेकर अब वे भावुकता (sentimentality) से जंग (battle) जीतने की कोशिश में लग गए हैं। उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों से कहा है कि वे उन लोगों की गोद में बैठे हैं जिन्होंने उन्हें और उनके परिवार को गाली दी थी। यहां तक कि आदित्य को खत्म करने की कोशिश में हमले किए थे, उन्होंने कहा कि वे अभी भी बागी विधायकों को अपना मानते हैं।
ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर बागी विधायक बीजेपी से खुश हैं तो उन्हें वहीं रहना चाहिए, लेकिन मेरे लिए मेरी पार्टी के लोगों के आंसू ज्यादा अहम हैं। उन्होंने उन 14 विधायकों का धन्यवाद दिया जिन्हें धमकियां मिलने के बाद भी ठाकरे का साथ नहीं छोड़ा। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा, मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकतंत्र का भविष्य तय करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 11 जुलाई को जो कुछ भी होगा, उससे शिवसेना का भविष्य तय नहीं होगा। शिवसेना का भविष्य पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा तय किया जाएगा।
बागी विधायकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो इतने दिनों से खामोश थे, वे दूसरी तरफ चले गए हैं और बोल रहे हैं कि अगर मातोश्री उन्हें सम्मान से बुलाती है और उद्धव भाजपा के साथ गठबंधन करते हैं तो वे वापस पार्टी में आ जाएंगे। इन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बागी विधायकों को सूरत जाने के बजाय मुझसे बात करनी चाहिए थी। अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो उन्हें देशभर में घूमने नहीं जाना पड़ता। ठाकरे ने कहा कि बागी विधायक कहते हैं कि वे मातोश्री से प्यार करते हैं, वे उद्धव ठाकरे से प्यार करते हैं, वे आदित्य ठाकरे से प्यार करते हैं और इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। दूसरी तरफ जाने के बाद भी आप हमें इतना प्यार करते हैं, मैं इसके लिए आभारी हूं।
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