जम्मू । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने (Cloudburst) की वजह से अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को अगले आदेश तक दोनों मार्गों (बालटाल और पहलगाम) से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। पवित्र गुफा में सेना का बचाव अभियान चल रहा है, सेना के हेलिकॉप्टर पवित्र गुफा क्षेत्र से बचाए गए घायलों को निकाल रहे हैं। शरीफाबाद से अतिरिक्त डॉग स्क्वायड को गुफा में भेजा जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक इस हादसे में 16 लोगों की मौत हुई है और 40 घायल हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कर रहे हालात की निगरानी
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) इस मुश्किल दौर में हालात की पूरी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को राहत और बचाव कार्य के बारे में सूचना दी है। सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, स्थानीय पुलिस और श्राइन बोर्ड के जवान लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं। ALH हेलिकॉप्टर की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
अलर्ट मोड पर एंबुलेंस, तीनों बेस अस्पताल में इलाज जारी
तीनों बेस अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है। ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास से सुविधाएं मिल रही हैं। अकेले गांदरबल में ही 16 एंबुलेंस अलर्ट मोड पर हैं। यहां 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिक्स, 16 एंबुलेंस और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य के लिए तैनात हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर हैं और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है। इसके अलावा अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने मोबाइल फोन स्विच ऑन रखें।
शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के दौरान क्या हुआ?
अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास बादल फटने की घटना शुक्रवार को शाम साढ़े 5 बजे के करीब हुई। सैलाब की वजह से गुफा के पास श्रद्धालुओं द्वारा लगाए गए लगभग 25 टेंट और 2-3 लंगर पानी में बह गए। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। गुफा के पास जैसे ही हादसा हुआ, सेना ने मोर्चा संभाला। ITBP, CRPF, NDRF, SDRF की टीमों ने लोगों का रेस्क्यू करना शुरु कर दिया। घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाया गया।
एक हफ्ते पहले ही शुरु हुई थी यात्रा
हर रोज करीब 15 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पवित्र गुफा पहुंच रहे हैं। एक हफ्ते पहले ही 30 जून को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू हुई है और एक हफ्ते में ही कई बार खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा है। जब यह घटना हुई तब मौके पर करीब 12 हजार यात्री मौजूद थे। अमरनाथ गुफा से करीब 2 किलोमीटर दूर यह घटना हुई है।
पहले भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हो चुकी है बड़ी घटना
अमरनाथ यात्रा के दौरान साल 1969 में बड़ा हादसा हुआ था। अमरनाथ यात्रा मार्ग पर साल 1969 के जुलाई महीने में भी बादल फटा था। इस हादसे में करीब 100 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
मदद के लिए इन नंबर्स पर संपर्क करें-
संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष पहलगाम
9596779039
9797796217
01936243233
01936243018
पुलिस नियंत्रण कक्ष अनंतनाग
9596777669
9419051940
01932225870
01932222870
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