नई दिल्ली। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारे जाने के बाद देश के सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पर गोली चलाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसमें ऐसा प्रतीत होता है कि शिंजो आबे पर गोलियां चलाने वाले तेत्सुया यामागामी ने हमले के लिए जिस बंदूक का इस्तेमाल किया है उसे उसने खुद ही बनाया है।
जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके ने पुलिस के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। हमले के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्व पीएम पर गोली चलाने के बाद भी उसने भागने की कोशिश नहीं की। यामागामी नारा का ही रहने वाला है जहां शिंजो आबे चुनाव प्रचार के लिए एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
एनएचके के अनुसार, माना जाता है कि संदिग्ध ने लगभग 2005 तक तीन साल तक समुद्री आत्मरक्षा बल के लिए काम किया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर ने आबे पर दो गोलियां चलाईं और दूसरी गोली लगने के बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री गिर पड़े। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि शिंजो आबे जब भाषण दे रहे थे तभी पीछे से हमलावार ने अटैक कर दिया। गोली मारने के बाद हमलावर भागने की कोशिश भी नहीं की और उसी जगह खड़ा रहा। घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें हमलावर नजर आ रहा है।
हमले इस्तेमाल गन की आवाज आम बंदूक से अलग थी
जापान के हंटर एसोसिएशन ने कहा कि इस्तेमाल की जाने वाली बन्दूक एक सेल्फ मॉडिफाई गन लगती है क्योंकि औमतौर पर बंदूक वैसी आवाज नहीं करती है जैसा की इस हमले के दौरान देखने औ सुनने को मिला है। दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है। जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं।
2020 में दे दिया था इस्तीफा
आबे ने 2020 में यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आई है। उन्होंने उस समय कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए ‘परेशान करने वाली बात’ है। उन्होंने सालों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी।
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