भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में 11 इंडस्ट्रियल कारीडोर का निर्माण हो रहा है। इसमें नागपुर इंडस्ट्रियल कारीडोर के प्रस्ताव को प्राथमिकता से बनाने की बात हुई। यह कारीडोर मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, गुना, भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल से होकर निकलेगा। गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में देश के छह राज्यों के मुख्यमंत्री इस वीडियों कान्फ्रेंस में शामिल हुए। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से वीडियो कान्फ्रेस से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के कई जगह अलग-अलग क्लस्टर चिन्हित कर इसके लिए जमीन देने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस परियोजना का कार्य योजना जितनी जल्दी होगी, उतनी जल्दी मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मानिटरिंग अथारिटी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन का ही कमाल है कि देश में 11 इंडस्ट्रियल कारिडोर बनने वाले हैं, जो राज्यों की तकदीर व जनता की तस्वीर बदलने का कार्य करेगी। उनके विजन से दिशा मिलती है और इससे तेज गति से काम करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में जैसा प्रेजेंटेशन में दिखाया गया, मध्यप्रदेश तेज गति से काम किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश में विकास की प्रतिबद्धता जाहिर की और कहा कि विक्रम उद्योगपुरी को प्रमोट में 202 एकड़ जमीन आवंटित किया गया और इसमें 20 उद्योगपतियों ने जमीन भी ले चुके हैं तथा कई ने काम प्रारंभ कर दिए हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नवंबर में एक कंपनी प्रोडक्शन प्रारंभ कर देगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 15 कंपनियों की आवेदन आ चुके हैं जिन्हें बहुत जल्दी जमीन आवंटित किया जाएगा। विक्रम उद्योगपुरी में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उद्योगपतियों को कोई दिक्कत नहीं होगी। मध्यप्रदेश वैसे भी इन्वेस्टर्स फ्रेंडली स्टेट है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी उद्योगिक विकास के लिए लगातार प्रयास किए हैं जिससे निवेश आने की गति ना रुके।
उन्होंने डेलिगेशन आफ पावर को आश्वस्त किया कि, वे तत्काल इस कार्य को पूरा करेंगे। दिल्ली-नागपुर कॉरिडोर के संबंध में कहा कि मध्य प्रदेश का वह क्षेत्र है जहां से यह निकलेगा, वहा भारतमाला परियोजना अंतर्गत 330 किलोमीटर के अटल एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रारंभ कर रहे हैं। जिसके दोनों और इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जमीन का चिन्हित कर लिया गया है और उद्योगपतियों को जमीन देने के लिए पूरी योजना भी तैयार की जा चुकी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसके लिए 11 हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर लिया गया है। मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रधानमंत्री का जो विजन है उसे पूरा करने के तड़प भी है, जिसे पूरी तत्परता के साथ समय सीमा में विभिन्न परियोजना पर काम कर पूरा करेंगे।
वाराणसी-मुंबई इंडस्ट्रियल कारिडोर का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलावा वाराणसी-मुंबई इंडस्ट्रियल कारिडोर का प्रस्ताव दिया, जिसमें कहा कि पूर्वी मध्यप्रदेश खनिज संसाधन की दृष्टि से संपन्न है। एल्युमीनियम व कोयला जैसे अलग-अलग खनिज प्रचुर मात्रा में है।यदि यह पश्चिम से जोड़ दिया जाए तो क्षेत्र में बेहतर रोड कनेक्टिविटी व मार्केट प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निश्चित समय सीमा में कार्य होगा।उन्होंने कदम से कदम मिलाकर तथा कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के साथ प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने को कहा। उक्त वर्चुअल मीटिंग में 6 राज्यों के मुख्यमंत्री सहित रेल मंत्री व उद्योग मंत्री भी जुड़े थे।
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