नई दिल्ली। सस्ती सेवा मुहैया कराने वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट के उड़ानों में आ रही खराबी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 18 दिनों में स्पाइस जेट की उड़ानों में 8 में कुछ न कुछ खराबी देखने को मिली है।
जिसकी वजह से कई फ्लाइटों को बीच सफर से वापस लौटना पड़ा या फिर किसी एयपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। उड़ानों में आ रही खराबी को देखते और यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) स्पाइसेस जेट को कारण बताओ नोटिस जारी कर फटकार भी लगाई है।
डीजीसीए ने स्पाइस जेट को नोटिस जारी कर कहा है कि यह एयरलाइन विमान नियम, 1937 के तहत सुरक्षित, दक्ष और विश्वसनीय हवाई सेवाओं को सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। इसके अलावा डीजीसीए द्वारा सितंबर 2021 में स्पाइसजेट के ऑडिट में पाया गया कि स्पेयर पार्ट के सप्लायरों को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे स्पेयर पार्ट की कमी हो रही है।
काम नहीं कर रहा था मौसम संबंधी रडार
पांच जुलाई को स्पाइसजेट की चीन जाने वाली एक कारगो फ्लाइट में मौसम के रडार के खराब होने के बाद डीजीसीए ने यह नोटिस जारी किया है। एयरलाइन ने बताया कि मौसम संबंधी रडार के काम ना करने की वजह से उसका एक मालवाहक विमान मंगलवार को कोलकाता लौट आया। चीन के चोंग्किंग शहर जा रहे विमान के पायलट को उड़ान भरने के बाद ही पता चल गया था कि उसका मौसम संबंधी रडार काम नहीं कर रहा है।
गड़बड़ी के बाद कराची में हुई लैंडिंग
‘स्पाइसजेट’ के विमान में तकनीकी खराबी का पिछले 18 दिन में सामने आया यह आठवां मामला है। ‘स्पाइसजेट’ के दिल्ली से दुबई जा रहे एक विमान को फ्यूल इंडिकेटर में खराबी के कारण मंगलवार को कराची की ओर मोड़ दिया गया था। वहीं, उसके कांडला से मुंबई जा रहे विमान को बीच हवा में विंडशील्ड में दरार आने के बाद महाराष्ट्र की राजधानी में प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया था।
उल्लेखनीय है कि स्पाइसजेट पिछले तीन साल से घाटे में चल रही है। सस्ती सेवा मुहैया कराने वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट को 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में क्रमश: 316 करोड़, 934 करोड़ और 998 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
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