नई दिल्ली: डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर को लेकर विवाद जारी है. इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने काली फिल्म की प्रोड्यूसर लीना मणिमेकलई के उस पोस्ट पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने काली का पोस्टर शेयर किया था. डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर को लेकर विवाद जारी है. इसमें मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया था. इसके साथ ही उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी नजर आ रहा है. ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की है.
लीना पर कार्रवाई की उठ रही मांग
हिंदू संगठन लगातार इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं. हिंदुओं ने लीना पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. फिल्म काली के पोस्टर को लेकर जारी विवाद के बीच कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हो गई है. दिल्ली में, यूपी में और मुंबई में इस फिल्म के पोस्टर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताकर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
कनाडा के म्यूजियम ने मांगी माफी
डाक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर को कनाडा में आयोजित किए गए एक प्रोजेक्ट ‘अंडर द टेंट’ के तहत प्रदर्शित किया गया है. यह प्रोजेक्ट टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया था. इस पर कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए कंटेंट को हटाने की मांग की थी. हालांकि, बाद में कनाडा के जिस म्यूजियम में इसे दिखाया गया था, उसने हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने पर खेद प्रकट किया था और माफी मांगी थी.
कौन हैं लीना ?
लीना मणिमेकलई मदुरै के दक्षिण में स्थित सुदूर गांव महाराजापुरम की रहने वाली हैं. उनके पिता कॉलेज लेक्चरर थे. वो एक किसान परिवार से थीं और उनके गांव की प्रथा के मुताबिक प्यूबर्टी के कुछ साल बाद लड़कियों की शादी उनके मामा से करवा दी जाती थी. जब लीना को पता चला कि घरवाले उनकी शादी की तैयारी कर रहे हैं तब वह चेन्नई भाग गईं. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की. उन्होंने आईटी सेक्टर में नौकरी भी की. उन्होंने कई नौकरियां करने के बाद फिल्म बनाने के क्षेत्र में आने का फैसला किया.
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