नई दिल्ली। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर (आरपावर) को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कंपनी के शेयरधारकों ने परिसंपत्तियों की मौद्रीकरण के लिए रखे गए विशेष प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि रिलायंस पावर ने वार्षिक आमसभा में परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण का प्रस्ताव रखा था लेकिन अब शेयरधारकों ने इसे नकार दिया।
पक्ष में कितने वोट मिले : किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत शेयरधारकों की सहमति जरूरी होती है। रिलायंस पावर के मुताबिक संपत्ति के मौद्रीकरण प्रस्ताव को सिर्फ 72.02 प्रतिशत शेयरधारकों का ही समर्थन मिला जबकि 27.97 प्रतिशत शेयरधारकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस तरह वार्षिक आमसभा में संपत्ति को मौद्रीकरण के लिए रखा गया प्रस्ताव खारिज हो गया है।
क्यों था ये प्रस्ताव : रिलायंस पावर ने कहा था कि वह अपने कर्ज का बोझ कम करने और देनदारियां चुकाने की प्रक्रिया में है। इसके लिए कंपनी ने अपनी संपत्तियों एवं कारोबारों की समुचित समय पर बिक्री करने की मंशा जताई थी। हालांकि, संपत्ति बेचने या पट्टे पर देने के पहले कंपनी को एक विशेष प्रस्ताव लाकर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी जरूरी थी।
आपको बता दें कि कोई भी कंपनी विशेष प्रस्ताव को मंजूरी मिले बगैर एक वित्त वर्ष में भौतिक अनुषंगी की 20 प्रतिशत से अधिक परिसंपत्तियों की न तो बिक्री कर सकती है और न ही उन्हें पट्टे पर दे सकती है।
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