डेस्क: वास्तु शास्त्र में हर एक चीज को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. ऐसे ही पूजा में इस्तेमाल होने वाले फूलों को लेकर भी कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. अगर इन बातों को नजरअंदाज किया जाए, तो ये घर में नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं. पूजा-पाठ और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ताजे फूलों का इस्तेमाल करते हैं. घर में शादी-ब्याह का मौका हो, या फिर गृह प्रवेश या फिर कोई पूजा अनुष्ठान, सभी में ताजे फूलों को अर्पित किया जाता है.
लेकिन वास्तु जानकारों के अनुसार पूजा में इस्तेमाल किए गए फूलों को तुंरत हटा लेना चाहिए. सूखे फूल घर में नकारात्मकता का संचार करते हैं. शुभ कामों में इस्तेमाल होने वाले ये फूल सूखने के बाद घर में नकारात्मकता का संचार करने लगते हैं. इससे घर का माहौल खराब होता है. परिवार में लड़ाई-झगड़े, कलह-कलेश रहने लगते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि घर में रखे सूखे फूल किसी शव की तरह होते हैं. जिस प्रकार हम घर में शव नहीं रख सकते. उसी प्रकार घर में सूखे फूल भी नहीं रखने चाहिए. ग्रंथों में लिखा है कि भगवान को अर्पित किए गए ताजे फूल सभी निर्मल्य हो जाते हैं. इसलिए पूजा के बाद उन्हें तुरंत ही हटा लेना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार अगर इन्हें समय से नहीं हटाया जाए,तो उन फूलों के भोग के लिए चण्डाली, चण्डांशु और विश्वकसेन जैसी नकारात्मक शक्तियों का वास होने लगता है.
इसलिए ऐसी मान्यता है कि फूलों को सूखने से पहले ही हटा लेना चाहिए. पूजा से हटाए गए फूलों के साथ क्या किया जाए, अक्सर लोग इस बात को लेकर भी कंफ्यूज नजर आते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा के इन फूलों को जल या नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. या फिर किसी पवित्र पेड़ की जड़ में इन्हें दबा दें. इसके अलावा, अपने घर के गमलों में भी इन फूलों को डाल सकते हैं.
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