नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सीजेआई एनवी रमन्ना (CJI N.V. Ramana) ने कहा है कि भारत में (In India) सरकारें बदलने के बाद (After Governments Change) नीतियां बदलने में (In Changing Policies) संवेदनशीलता और परिपक्वता (Sensitivity and Maturity) नहीं दिखती (Does Not See) । अपने अमेरिका दौरे पर सीजेआई भारतीय समुदाय से रूबरू हो रहे थे। इस दौरान उन्होंने बहुत से विचार साझा किए और लोगों को बताया कि तरक्की के लिए क्या चीजें जरूरी हैं। बीते दिन सीजेआई एनवी रमन्ना ने साफ लहजे में बीजेपी सरकार को इशारा कर दिया कि उनका काम सरकारों के एजेंडे पर चलना नहीं है। वो केवल संविधान के प्रति ही जवाबदेह हैं।
सीजेआई ने कहा कि सारी दुनिया में सरकारें बदलने के साथ नीतियों में बदलाव दिखता है। लेकिन कोई भी देशभक्त, परिपक्व और संवेदनशील सरकार कभी भी कभी भी ऐसे तरीके से नीतियों में बदलाव नहीं करती जिससे विकास ही रुक जाए। उन्होंने भारत के लोगों से अपील की कि वो खुद को इंप्लायर्स मानें न कि इंप्लाई। अगर ऐसा होगा तो देश की तरक्की होगी। आज के समय के लिहाज से ये बाहद जरूरी चीज है।
उनका कहना था कि जो देश अपनी बांहें फैलाकर सभी का स्वागत करता है। जो देश सभी संस्कृतियों को अपने में आत्मसात करता है और जो देश सभी भाषाओं का खुले दिन से सम्मान करता हो वो हमेशा तरक्की करता है। ये सारी चीजें समृद्धि का प्रतीक होती हैं और तरक्की में सहायक।
भारत के लोगों से रूबरू होते हुए रमन्ना ने कहा कि अमेरिका और उनका देश अनेकता में एकता का सिद्धांत अपनाते हैं। इस चीज को सारी दुनिया में आत्मसात किया जाना जरूरी है। उनका कहना था कि अमेरिका के इसी गुण की वजह से आप लोग यहां पहुंचे और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
उनका कहना था कि अमेरिका के लोग दूसरे देश के लोगों के प्रति काफी संवेदनशील हैं। वो उनके साथ जल्दी घुलते मिलते हैं। यही वजह है कि ये देश सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। उनका कहना था कि दूसरों को गले लगाने के गुण को सारी दुनिया में अपनाए जाने की जरूरत है। भारत को भी इस मोर्चे पर सोचने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो ये विनाश को बुलाने जैसा होगा।
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