नई दिल्ली: वक्त बदलते देर नहीं लगती…हम सभी ने अपने लाइफ टाइम में इस कहावत को कभी ना कभी सुना होगा. हमारे आसपास कॉरपोरेट की दुनिया में कई कंपनियों को अच्छे से बुरे और बुरे से अच्छे दौर में जाते भी देखा होगा. ताजा मामला Big Bazaar जैसे ब्रांड के मालिक Future Group से जुड़ा है. कर्ज के बोझ से लदी इस समूह की माली हालत अब इतनी बुरी स्थिति में पहुंच चुकी है कि समूह की एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन कंपनियों ने करोड़ों रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट किया है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक समूह की Future Enterprises, Future Consumer और Future Lifestyle Fashions कंपनियां अपने कर्जदाताओं के समूह (Consortium of Lenders) को एक बारगी भुगतान समाधान (One Time Resolution) योजना का पेमेंट नहीं कर सकी हैं.
करोंड़ों रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट
Future Lifestyle Fashions ने शुक्रवार को जानकारी दी कि वह 335.08 करोड़ रुपये का मूलधन नहीं चुका सकी है. इसे चुकाने की आखिरी तारीख 30 जून 2022 थी. इसमें कंपनी को मिले टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल टर्म लोन और करोड़ों के परचेज बिल का पेमेंट शामिल है. हालांकि कंपनी ने इस लोन के ब्याज के पेमेंट कर दिया है. समूह की ये कंपनी Central और Brand Factory जैसे स्टोर चलाती है.
NCD का पेमेंट भी नहीं हुआ
समूह की ही Future Entrprises Limited कंपनी के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के मूलधन का पुनर्भुगतान नहीं कर सकी है. ये पेमेंट डिफॉल्ट 126.13 करोड़ रुपये का है. इसी तरह Future Consumer ने भी 17.2 करोड़ रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट किया है. तीनों कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब 448 करोड़ रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट किया है.
बुरे वक्त से गुजर रहा Future Group
समूह की ये तीनों कंपनियां Future-Reliance Deal का हिस्सा थीं. इस डील में रिलायंस समूह को फ्यूचर ग्रुप की कुल 19 कंपनियों का मालिकाना हक मिलने वाला था. इनमें Big Bazaar जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड भी शामिल था. ये सभी कंपनियां रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस सेगमेंट से जुड़ी थीं. फ्यूचर और रिलायंस की डील अगस्त 2020 में हुई थी, लेकिन Amazon के कानूनी विवाद खड़ा करने के बाद ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. अंत में अप्रैल 2021 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की कि अब ये डील नहीं हो सकती.
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