इंदौर। किसानों को बिजनेस का आइडिया देकर मंडी नही सीधे विदेश में माल बेचने का झांसा देने वाले करोड़ों की धांधली कर गए। बताया जा रहा है कि बिजनेस का आइडिया सुनकर किसानों ने एक समिति बनाई और एक किसान को उसका अध्यक्ष बना दिया। जैविक खेती में जो भी उत्पादन हुआ उसे लेकर बाद में आइडिया देने वाले रफूचक्कर हो गए।
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने सेंधवा के प्रकाश आर्य की शिकायत पर फेयर शर्ट सर्टिफिकेशन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हिमांशु पाठक निवासी खरगोन, तुषार पाठक व उसकी पत्नी सुधा, मां वसुंधरा, विवेक जैन, अर्पित वनकर दोनों निवासी खरगोन, रेखा पति दिनेश पटेल, दिनेश पटेल, नाटो अमबाई पटेल निवासी गुजरात, कुशल पटेल निवासी गुजरात और इंदौर के दिलीप राठौर सहित कई पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि गोपुर चौराहे पर इन सभी की सलाह पर भीमा नायक कृषक उत्थान समिति बनाई गई थी, जिसका अध्यक्ष प्रकाश को बनाया था। समिति के सदस्य कई जिलों के किसान बने थे।
उन्हें कहा गया था कि तुम जैविक खेती करो। भारत सरकार के उपक्रम के माध्यम से उत्पादों को विदेश में भेजकर अच्छी कीमत मिलेगी। समिति के सदस्य उनकी बातों में आ गए और सैकड़ों एकड़ में जैविक खेती की। जैविक खेती का जो उत्पादन हुआ था, उसे भी ठगोरों को दे बैठे। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने माल को विदेश भी भेजा, लेकिन उसकी जो कीमत आई थी, वह समिति के सदस्यों को नही देते हुए खुद आपस में बांट ली। जो उपज समिति के सदस्यों ने आरोपियों को दी उसकी कीमत 40 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 409, 406, 467, 486, 120 बी और भादवि की धारा 34 के तहत कार्रवाई की है। साथ ही मामले की विवेचना शुरू कर दी है। अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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