नई दिल्ली। नवरात्रि साल में चार बार आती है। जिसमें से दो मुख्य नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। माघ व आषाढ़ मास में मनाई जाने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। अश्विन व चैत्र महीने में प्रमुख नवरात्रि आते हैं। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना(Worship) की जाती है। आषाढ़ मास (ashadh month) में पड़ने वाला त्योहार गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा के उपासकों के लिए खास होता है। आषाढ़ मास के नवरात्रि में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की उपासना गुप्त तरीके से की जाती है। इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि(Gupt Navratri ) कहा जाता है। इस साल गुप्त नवरात्रि 30 जून, गुरुवार से प्रारंभ हो रहे हैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मां आदि शक्ति को समर्पित त्योहार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होगा। 29 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 30 जून की सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक प्रतिपदा तिथि रहेगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।
गुप्त नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए-
किसी का बुरा न सोचें।
तामसिक भोजन न करें।
किसी का नुकसान करने के उद्देश्य से पूजा न करें।
लहसुन-प्याज भूल से भी न खाएं।
क्रोध न करें।
वाद-विवाद से दूर रहें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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