शिवाजी वाटिका चौराहा का सौंदर्यीकरण अंतिम दौर में…राजस्थान से आई एक दर्जन कारीगरों की टीम…
इंदौर। शहर के कई चौराहों को खूबसूरत बनाने का सिलसिला जारी है। आने वाले दिनों में शिवाजी वाटिका चौराहा (Shivaji Vatika Square) एक अलग ही नए रूप में नजर आएगा। यहां वर्षों पहले लगी शिवाजी प्रतिमा के आसपास के हिस्सों को किले में तब्दील किया जा रहा है और काले पत्थरों से किला बनाने के लिए राजस्थान के जयपुर और उदयपुर से एक दर्जन कारीगरों की टीम इंदौर में डेरा डाले हुए है। एक से दो माह के अंतराल में वहां काम पूरा होने की उम्मीद है।
स्वच्छता, कई सडक़ों के निर्माण और तालाबों के गहरीकरण के साथ-साथ निगम ने करीब दस से ज्यादा कार्यों को प्राथमिकता में रखा था और वहां तेजी से कार्य कराए जा रहे हैं। इनमें अब तक नवलखा, विजयनगर, अग्रसेन, लसूडिय़ा, रसोमा और कई चौराहों को संवारने का काम पूरा कर लिया गया है। कई जगह पर काम चल रहे हैं, जो आने वाले दिनों में पूरे कर लिए जाएंगे। इन सभी चौराहों के आसपास सबसे पहले लेफ्ट टर्न के हिस्सों को चौड़ा किया गया, ताकि वहां यातायात का आवागमन सुगम हो सके और इसके लिए कई स्थानों पर कब्जे भी हटाए गए थे। अब निगम भंवरकुआं चौराहे को भी ऐसे ही संवारने की तैयारी में है। नगर निगम अधिकारी महेश शर्मा के मुताबिक इन सब चौराहों के साथ-साथ शिवाजी वाटिका के चौराहे को भी संवारने का काम शुरू किया गया था। वहां शिवाजी प्रतिमा के आसपास के हिस्सों में राजस्थान के कारीगरों की मदद से काले पत्थरों से आकर्षक किला तैयार हो रहा है। इसके लिए जयपुर, उदयपुर से न केवल काले पत्थर बुलवाए गए हैं, बल्कि वहीं से इसके कारीगर भी साथ आए हैं, जो कई दिनों से वहां किले के कार्यों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
किले के आसपास के हिस्सों में होगी भव्य रोशनी
अधिकारियों के मुताबिक किले और उसके आसपास के हिस्सों में निर्माण कार्यों के बाद आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की जाएगी, जिससे पूरा चौराहा न केवल जगमगाएगा, बल्कि रात में किले का दृश्य अलग ही नजर आएगा। इसके लिए निगम ने टेंडर जारी किए हैं। आसपास के खाली पड़े हिस्से में छोटे-छोटे खूबसूरत उद्यान बनाए जा रहे हैं, जहां देसी-विदेशी प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे।
चौराहे के लेफ्ट टर्न का काम पहले ही पूरा किया
शिवाजी वाटिका के सभी लेफ्ट टर्न का काम पूर्व में ही पूरा किया जा चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर दो करोड़ की राशि खर्च हो रही है और आने वाले एक से दो माह के अंतराल में किला बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि अधिकांश कार्य पूरा कर लिया गया है।
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