नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद (Goods and Services Tax (GST) Council) की अगले हफ्ते 28 जून से होने वाली बैठक में गहमागहमी रह सकती है। इस बैठक में विपक्षी शासित राज्य (opposition ruled state) राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति (compensation for revenue loss) को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे। हालांकि, केंद्र सरकार (Central government) इसे तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देकर रोकना चाहेगा। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की दो दिवसीय 47वीं बैठक 28-29 जून को चंडीगढ़ में होगी। इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान राज्यों के क्षतिपूर्ति तंत्र और राजस्व की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है।
दरअसल, जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेकर राज्यों को जारी किया। सरकार ने ऐसा उपकर संग्रह में कमी की वजह से किया।
उल्लेखनीय है कि देश में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 से लागू किया गया था। उस वक्त सरकार ने राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन की वजह से होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के एवज में 5 साल की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया था लेकिन, लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्यों को राजस्व की कमी के लिए मुआवजे का भुगतान करने की व्यवस्था अगले साल जून में समाप्त हो जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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