कीवखारकीव। रूस की सेनाओं (Russian armies) ने यूक्रेन (Ukraine) के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव (Second largest city Kharkiv) और आसपास के इलाकों पर मंगलवार रात और बुधवार सुबह रॉकेटों की बारिश कर दी। इससे कम से कम 15 लोग मारे गए और 16 घायल हो गए। बताया जा रहा है, इस हमले के पीछे रूस का इरादा यूक्रेन की सेना (Ukrainian army) को मुख्य युद्धस्थल से हटाकर शहरियों की रक्षा पर मजबूर करने का है।
खारकीव में सामान्य जीवन पटरी पर लौट रहा था, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह के सबसे भीषण हमले ने हालात फिर बिगाड़ दिए हैं। पिछले माह यूक्रेनी सेना ने यहां से रूसी सेनाओं को खदेड़ दिया था। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है, इससे शहर के बाहरी इलाके में बने घर भी नष्ट हो गए हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्से एरेतोविच ने वीडियो संबोधन में कहा, रूसी हमले उसी तरह के थे, जैसे उसने मैरियूपोल पर किए थे। इनका लक्ष्य लोगों को डराना है। वह ऐसा करना जारी रखते हैं तो हमें प्रतिक्रिया देनी पड़ेगी। इसके लिए हमें सेना को शहरों में लाना पड़ेगा।
ड्रोन से हुआ था रिफाइनरी पर हमला
यूक्रेन में दोनबास सीमा से महज आठ किलोमीटर दूर स्थित रूस की नोवोशखतिंस्क तेल रिफाइनरी पर हमले के संबंध में समाचार एजेंसी तास ने बताया, यह हमला ड्रोन से किया गया था। इस इलाके पर रूस समर्थक अलवाववादियों का कब्जा है।
द्वितीय विश्व युद्ध से बची बुजुर्ग महिला बनी निशाना
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बताया, एक बर्बाद हुए गैरेज से 85 साल की बुजुर्ग महिला का शव बरामद हुआ था। उसके पोते माइक्ता ने बताया, दादी द्वितीय विश्व युद्ध की गवाह थीं। उस समय वह जान बचाने में कामयाब रहीं। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी वह यहां से कहीं जाने के लिए तैयार नहीं थीं। इस दूसरे युद्ध ने उनकी जान ले ली।
हमले के बाद से यूक्रेन को मिली 30 अरब डॉलर की वित्तीय मदद
यूक्रेन के नेशनल बैंक द्वारा जारी जून 2022 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी हमले के बाद उसके वैश्विक भागीदारों ने 30 अरब डॉलर की सहायता राशि उसे प्रदान की है। यूक्रेन के साझेदार भी बजट व्यय को वित्तपोषित करने के लिए सीधे वित्तीय मदद देते हैं। जून मध्य तक आईएमएफ, ईयू, ईआईबी, विश्व बैंक और विदेशी सरकारों सेऋण यूक्रेन को वित्तीय मदद मिली है।
व्हाइट हाउस ने कहा- भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को महत्व देता है अमेरिका
व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक बहुत अहम साझेदार है। उसने कहा, अमेरिका यह देखते हुए भी भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को महत्व देता है कि उसके रूस के साथ भी संबंध हैं।
व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि रूस के संदर्भ में हर देश को अपना फैसला लेना है। उन्होंने कहा, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे यह साझेदारी रक्षा और सुरक्षा दोनों में, आर्थिक रूप से भी खुद का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने रूस से तेल खरीदने के भारतीय निर्णय के बारे में पूछे जाने पर कहा, यह संप्रभु फैसला हैं।
लेकिन हम चाहते हैं कि रूस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितना हो सके उतना दबाव डाला जाए। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हम भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को महत्व देते हैं। बता दें, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और हिंसा रोकने के कूटनीतिक माध्यमों से समाधान के लिए दबाव बना रहा है।
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